
घटना का संक्षिप्त विवरण
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के सीबीगंज थाना क्षेत्र में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। भाजपा नेता मुकेश देवल द्वारा संचालित जनसेवा केंद्र पर फर्जी आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, मार्कशीट और अन्य सरकारी दस्तावेजों को अवैध तरीके से बनाया जा रहा था।
इस पूरे रैकेट का भंडाफोड़ मिलिट्री इंटेलिजेंस (लखनऊ यूनिट) की सूचना पर किया गया। एसओजी और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने जब छापा मारा, तब आरोपी मौके से फरार हो गया।
क्या मिला छापेमारी के दौरान?
पुलिस ने जनसेवा केंद्र से बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और हाईटेक उपकरण बरामद किए, जिनकी सूची नीचे दी गई है:
- ✅ 27 आधार कार्ड
- ✅ 1 पैन कार्ड
- ✅ 1 वोटर आईडी कार्ड
- ✅ हाईस्कूल और इंटर की फर्जी मार्कशीट
- ✅ 2 प्रिंटर
- ✅ थंब स्कैनर और फिंगरप्रिंट मशीन (COGENT सिस्टम)
- ✅ कोजेंट आई स्कैनर, LOGITECH वेबकैम
- ✅ 6 रबर स्टांप, LRI शील्ड (MANTRA और IRI Tech)
यह स्पष्ट है कि यह पूरा नेटवर्क तकनीकी रूप से अत्यधिक सुसज्जित था और योजनाबद्ध तरीके से वर्षों से चल रहा था।
भाजपा नेता मुकेश देवल कौन है?
मुकेश देवल सीबीगंज मंडल में भाजपा का पदाधिकारी है। वह अपने घर के नीचे एक जनसेवा केंद्र और लोकवाणी केंद्र संचालित कर रहा था, जहां से ये फर्जी दस्तावेज तैयार किए जा रहे थे।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
- 📌 सीबीगंज थाना में एफआईआर दर्ज
- 📌 आरोपी मुकेश देवल फरार, तलाश जारी
- 📌 सभी फर्जी दस्तावेज और उपकरण जब्त
- 📌 मामले से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में पुलिस जुटी
सीओ द्वितीय अजय कुमार ने बताया कि जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी होगी और पूरे नेटवर्क की जांच की जा रही है।
जनता के लिए चेतावनी
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी सरकारी दस्तावेज को बनवाने के लिए केवल अधिकृत केंद्रों से ही संपर्क करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को दें।
निष्कर्ष
बरेली में भाजपा नेता द्वारा चलाए जा रहे इस फर्जी दस्तावेज निर्माण रैकेट ने शासन-प्रशासन की नींद उड़ा दी है। इससे न केवल कानून व्यवस्था पर प्रश्न उठते हैं, बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है। पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों को इस मामले की तह तक जाकर सभी दोषियों को सजा दिलानी चाहिए।