अंकिता भंडारी हत्याकांड: सियासी तूफान से लेकर कोर्ट के फैसले तक की पूरी कहानी


🌸 अंकिता भंडारी हत्याकांड: सियासी तूफान से लेकर कोर्ट के फैसले तक की पूरी कहानी


📌 परिचय

उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस केस में राजनीति, सत्ता और न्याय प्रणाली की परीक्षा हुई। अब लगभग ढाई साल बाद, कोटद्वार की अदालत ने पुलकित आर्य समेत तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

यह ब्लॉग पोस्ट आपको बताएगा कि अंकिता भंडारी कौन थी, उसकी हत्या कैसे और क्यों हुई, आरोपी कौन हैं, और अदालत ने क्या फैसला सुनाया।


👩‍💼 कौन थीं अंकिता भंडारी?

  • उम्र: 19 वर्ष
  • पेशा: रिसेप्शनिस्ट, वनंतरा रिज़ॉर्ट, यमकेश्वर (ऋषिकेश के पास)
  • मूल स्थान: पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड

अंकिता एक मेहनती और आत्मनिर्भर लड़की थी, जो अपने परिवार का सहारा बनना चाहती थी। लेकिन 18 सितंबर 2022 को उसकी जिंदगी बेरहमी से छीन ली गई।


🕵️‍♀️ हत्या कैसे हुई?

18 सितंबर 2022 की रात अंकिता को रिज़ॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, और उसके दो कर्मचारी सौरभ भास्करअंकित गुप्ता ने चीला नहर के पास ले जाकर धक्का देकर मार डाला। हत्या के बाद तीनों ने शव को नहर में फेंक दिया

💔 हत्या का कारण क्या था?

अंकिता पर VVIP ग्राहकों को ‘स्पेशल सर्विस’ देने का दबाव डाला जा रहा था। जब उसने इससे इनकार किया, तो पुलकित ने गुस्से में आकर उसकी हत्या कर दी।


👨‍⚖️ कोर्ट में क्या हुआ?

  • मामले की जांच: एक विशेष जांच दल (SIT) ने की
  • गवाह: 97 गवाह बनाए गए, जिनमें से 47 को कोर्ट में पेश किया गया
  • चार्जशीट: 500 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट दाखिल की गई
  • धारा: IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना), 120B (षड्यंत्र), 354A (यौन उत्पीड़न) और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत दोष सिद्ध

⚖️ फैसला: दोषियों को क्या सजा मिली?

31 मई 2025 को कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीनू नेगी ने तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

📜 सजा का विवरण:

  • तीनों दोषियों को उम्रकैद
  • ₹50,000 का जुर्माना प्रति आरोपी
  • पीड़िता के माता-पिता को ₹4 लाख का मुआवज़ा

🧑‍💼 पुलकित आर्य कौन है?

  • वनंतरा रिजॉर्ट का मालिक
  • भाजपा के पूर्व मंत्री विनोद आर्य का बेटा
  • हत्या के बाद विनोद आर्य को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया
  • इस मामले में राजनीतिक दखल और वीआईपी संस्कृति के खिलाफ लोगों में भारी गुस्सा देखने को मिला

📣 समाज की प्रतिक्रिया

  • पूरे उत्तराखंड और देश भर में प्रदर्शन हुए
  • सोशल मीडिया पर #JusticeForAnkita ट्रेंड करता रहा
  • लोगों ने पुलिस, प्रशासन और सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की

📌 निष्कर्ष

अंकिता भंडारी केस न सिर्फ एक दिल दहला देने वाली हत्या थी, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे वीआईपी संस्कृति और सत्ता के दंभ में आम नागरिकों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है।
इस केस में अदालत के फैसले ने दिखा दिया कि न्याय देर से मिल सकता है, लेकिन अंधा नहीं होता।


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