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बरेली न्यूज़: आरसी वसूली के नाम पर विधवा से 35.5 हजार रुपये की ठगी, डीएम ने दिए जांच के आदेश


स्थान: बरेली, उत्तर प्रदेश
घटना क्षेत्र: थाना बारादरी, नवादा शेखान

बरेली की सदर तहसील में पदस्थ एक अमीन और उसके गुर्गों पर आरसी वसूली के नाम पर ठगी करने और विधवा महिला को धमकाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़ित महिला मीना रानी ने डीएम से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई, जिस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम को जांच के आदेश दे दिए हैं।


क्या है पूरा मामला?

पुराना शहर नवादा शेखान निवासी मीना रानी, जो घरों में काम करके अपना गुजारा करती हैं, ने आरोप लगाया है कि उनके रिश्तेदार रवि मौर्य ने खुद को तहसील कर्मचारी बताकर कहा कि उनके बेटे सूरज पर बिजली चोरी की 27,500 रुपये की आरसी कटी है। अगर रकम जमा नहीं की गई, तो उनके बेटे को जेल भेज दिया जाएगा।

गुर्गों के साथ पहुंचा अमीन

04 अप्रैल 2025 को रवि मौर्य अपने 7-8 साथियों के साथ मीना रानी के घर पहुंचा। उनमें से एक ने खुद को मनोज यादव, सदर तहसील का अमीन बताया। मीना ने कुछ दिन का वक्त मांगा, लेकिन लगातार दबाव बनाया जाता रहा।

9 मई को दी रकम, रसीद के बदले मिली धमकी

मीना ने मोहल्लेवालों के सामने 27,500 रुपये रवि मौर्य को दिए। रसीद मांगने पर रवि ने कहा कि तहसील का खर्चा और 8,000 रुपये देने होंगे। 20 मई को ओमप्रकाश मौर्य (मीना के जेठ के बेटे) ने यह राशि रवि को दी।

रसीद नहीं, उल्टा धमकी मिली

जब मीना रसीद के लिए रवि के घर गईं तो वह घर पर नहीं मिला, लेकिन बाद में रवि खुद मीना के घर पहुंचा और धमकी दी कि आगे से उसके घर न आएं, रसीद बाद में दे दी जाएगी।


डीएम ने ली शिकायत, जांच टीम गठित

19 जून को मीना ने जिलाधिकारी से शिकायत की। डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम सदर को जांच सौंपी। उसी दिन जांच टीम ने मीना के घर पहुंचकर पूरा बयान दर्ज किया। रिपोर्ट जल्द डीएम को भेजी जाएगी।


मनोज यादव पर पहले भी रहे हैं गंभीर आरोप

सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में अमीन मनोज यादव को गिरफ्तार किया जा चुका है।

  • विभाग ने उसे सस्पेंड कर दिया था।
  • आरोप है कि वह अपने 6-7 गुर्गों के साथ अवैध वसूली का गैंग चलाता था।
  • कई पीड़ित अब भी सामने नहीं आए हैं, लेकिन मामले की जांच होने पर कई खुलासे हो सकते हैं।

मनोज यादव की सफाई

मनोज यादव का कहना है कि वह रवि मौर्य को नहीं जानते, न ही किसी के साथ वसूली करने गए। उन्होंने कहा, “इतना कोई सीधा नहीं होता कि बिना रसीद पैसे दे दे। मुझ पर आरोप झूठा है।”


निष्कर्ष

बरेली की यह घटना सरकारी तंत्र में छिपे भ्रष्टाचार की एक और मिसाल है। अगर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो ऐसे फर्जी वसूली गैंग आम लोगों के लिए भारी मानसिक और आर्थिक संकट बन सकते हैं।




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