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“मेरी जैविक उम्र अब सिर्फ 10 साल है” — अमरता की खोज में जुटे अरबपति ब्रायन जॉनसन का चौंकाने वाला दावा


क्या कोई इंसान सच में उम्र को पीछे ले जा सकता है? क्या जैविक उम्र को घटाया जा सकता है? अरबपति ब्रायन जॉनसन (Bryan Johnson) ने हाल ही में एक ऐसा दावा किया है, जिसने वैज्ञानिकों से लेकर आम जनता तक सभी को हैरान कर दिया है। वे कहते हैं — “मेरी जैविक उम्र अब सिर्फ 10 साल है।”कौन हैं ब्रायन जॉनसन?

ब्रायन जॉनसन एक अमेरिकी उद्यमी और बायोहैकर हैं, जो खुद को “अमर” बनाने की कोशिश में लगे हैं। वे हर साल लगभग 13.66 करोड़ रुपये (लगभग 1.6 मिलियन डॉलर) अपनी उम्र को घटाने वाले उपायों पर खर्च करते हैं।

क्या है जैविक उम्र और टेलिमोर्स का कनेक्शन?

ब्रायन जॉनसन ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पोस्ट में टेलिमोर्स (Telomeres) पर आधारित डेटा शेयर किया है। टेलिमोर्स डीएनए के अंत में मौजूद खास संरचनाएं होती हैं जो कोशिकाओं को विभाजित होने के दौरान क्षति से बचाती हैं।

उन्होंने लिखा:

“मेरे टेलिमोर की लंबाई 10.27 किलोबेस है और टेलिमोरेज़ एक्टिविटी 7.7% है।”

टेलिमोर की लंबाई अधिक होना दर्शाता है कि कोशिकाएं युवा हैं, यानी व्यक्ति की जैविक उम्र कम है।

कौन-कौन से उपाय अपनाते हैं ब्रायन?

  1. अपने बेटे का खून ट्रांसफ्यूजन करवाना
  2. सैकड़ों प्रकार की दवाएं और सप्लीमेंट्स लेना
  3. सख्त डाइट और एक्सरसाइज रूटीन
  4. नींद, प्रकाश, और मानसिक स्वास्थ्य पर तकनीकी आधारित निगरानी
  5. AI की मदद से अपने स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण

क्या कहते हैं वैज्ञानिक?

हालांकि जॉनसन के दावे में वैज्ञानिक आधार नज़र आता है, लेकिन वैज्ञानिक समुदाय में इस पर संदेह भी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि टेलिमोर डेटा व्यक्ति के स्वास्थ्य की एक झलक जरूर देता है, लेकिन इसे पूर्ण प्रमाण नहीं माना जा सकता।

लोगों की प्रतिक्रिया?

उनकी पोस्ट वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। कुछ लोग उनके पैसों को ‘वेस्ट’ बता रहे हैं, तो कुछ इसे भविष्य की झलक मानते हैं।

क्या भविष्य में संभव है उम्र को रोकना?

यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि इंसान अमर हो सकता है, लेकिन ब्रायन जॉनसन जैसे लोग निश्चित ही उस ओर रास्ता खोल रहे हैं। उनका डेटा, प्रयोग और तकनीकी इस्तेमाल इस दिशा में एक नई सोच को जन्म देता है।


निष्कर्ष:
ब्रायन जॉनसन का दावा जितना चौंकाने वाला है, उतना ही रोमांचक भी। जैविक उम्र को घटाने की यह कोशिश आने वाले समय में स्वास्थ्य और दीर्घायु को लेकर हमारी सोच को बदल सकती है। क्या हम वाकई “अमरता” की ओर बढ़ रहे हैं? समय ही बताएगा।