

संवाददाता: अजय सक्सेना, बरेली
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बरेली, 10 जुलाई 2024: शहर के हृदय स्थल कुतुबखाना चौराहे पर स्थित ऐतिहासिक घंटाघर की घड़ियां एक बार फिर अटक गई हैं। 1977 से शहरवासियों को सही समय बताने वाली यह घड़ी पिछले एक हफ्ते से खराब चल रही है, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या है पूरा मामला?
- घंटाघर की चारों दिशाओं में लगी घड़ियां अलग-अलग समय दिखा रही हैं।
- 2022 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 87 लाख रुपये खर्च कर नई घड़ियां लगाई गई थीं।
- नगर निगम द्वारा नियमित रखरखाव न किए जाने के कारण घड़ियां खराब हुई हैं।
स्थानीय लोगों ने जताई नाराजगी
रोजाना इस चौराहे से गुजरने वाले राहुल शर्मा ने बताया, “यह घंटाघर बरेली की शान है, लेकिन नगर निगम इसे ठीक कराने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा।”
वहीं, दुकानदार मोहसिन खान ने कहा, “पहले घंटे की आवाज 1 किमी दूर तक सुनाई देती थी, अब घड़ी ही नहीं चल रही।”
नगर निगम का बयान
नगर आयुक्त राजेश कुमार ने बताया कि “घड़ियों की मरम्मत का काम चल रहा है। जल्द ही इसे ठीक कर दिया जाएगा।” हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि आखिरी बार घड़ियों का मेंटेनेंस कब हुआ था।
घंटाघर का ऐतिहासिक महत्व

- 1868 में ब्रिटिश काल में यहां टाउन हॉल और पुस्तकालय (कुतुबखाना) हुआ करता था।
- 1968 में बिजली गिरने से इमारत ध्वस्त हो गई, जिसके बाद 1975 में घंटाघर बनाया गया।
- 1977 में पहली बार घड़ी लगाई गई, जो शहर की पहचान बन गई।
क्या हो समाधान?
- नगर निगम को तुरंत घड़ियों की मरम्मत करानी चाहिए।
- घंटाघर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।
- स्थानीय लोगों को भी इसके रखरखाव में सहयोग करना चाहिए।