
कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर मंत्री विजय शाह के विवादित बयान पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भाजपा की नीयत और नीति दोनों पर सवाल उठाए हैं।
नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह के विवादित बयान ने सियासी भूचाल खड़ा कर दिया है। मंत्री ने कथित रूप से कर्नल सोफिया को “आतंकवादियों की बहन” कहा, जिस पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
शंकराचार्य का भाजपा पर निशाना
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा:
“जो मन में था, वही अब सामने आ गया है। भाजपा मुसलमानों के प्रति जिस मानसिकता को छिपा रही थी, वह अब उजागर हो चुकी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा लंबे समय से चुन-चुनकर मुस्लिम प्रवक्ताओं को आगे रखती रही है, लेकिन व्यवहार में मुसलमानों के साथ उसका रवैया अपमानजनक रहा है।
सेना पर सवाल करना अनुचित: अविमुक्तेश्वरानंद
उन्होंने कहा कि जब देश की सेना किसी को ज़िम्मेदारी देती है, तो वह सोच-समझकर ही देती है। ऐसे में कर्नल सोफिया जैसे अधिकारी के लिए इस तरह की टिप्पणी न केवल असंवेदनशील है बल्कि सेना के सम्मान के खिलाफ भी है।
“आप उसके विरुद्ध इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं, यह अनुचित ही नहीं, दुर्भाग्यपूर्ण भी है,” शंकराचार्य ने कहा।
सीजफायर के मुद्दे पर भी बयान
भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर बनी सहमति पर भी शंकराचार्य ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कई हिस्सों में वहां की सेना के खिलाफ बगावत जैसी स्थिति थी। भारत के पास यह एक बड़ा मौका था कि वह पाकिस्तान को करारा जवाब देता, लेकिन सरकार ने वह मौका गंवा दिया।
भाजपा की दोहरी नीति का आरोप
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भाजपा की राजनीति को “दोहरी” बताया। उन्होंने कहा:
“यह अब भाजपा की राजनीति बन गई है – एक तरफ प्रशंसा, दूसरी तरफ निंदा। यही इनकी रणनीति है।”
सोशल मीडिया पर भी गुस्सा
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। हैशटैग #JusticeForColonelSophia और #ShameOnVijayShah ट्रेंड करने लगे हैं। कई पूर्व सैनिकों और सामाजिक संगठनों ने भी मंत्री से माफी की मांग की है।
निष्कर्ष:
कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए विवादित बयान ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राजनीति में अब सेना के बहादुर अफसरों के सम्मान की जगह बची है? स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का तीखा बयान भाजपा के लिए बड़ा संदेश है कि जनता अब दोहरी बातों से गुमराह नहीं होगी।