
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मांग में जबरदस्त उछाल, 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का दावा
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नई दिल्ली।
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। सरकार, विशेषज्ञ और वैश्विक कंपनियां मान रही हैं कि आने वाले कुछ वर्षों में भारत, AI के बल पर तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बन सकता है।
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की रिपोर्ट के अनुसार, AI को अपनाने वाले उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था को 2028 तक नई ऊंचाई पर पहुंचा सकते हैं।
इसी तरह केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की रिपोर्ट “भारत की AI क्रांति” में दावा किया गया है कि वर्ष 2047 तक भारत को 23 से 25 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में AI पेशेवरों की अहम भूमिका होगी।
🔍 भारत में AI सेक्टर में नौकरियों की बूम
- रिपोर्ट के अनुसार, अगले एक वर्ष में भारत को 10 लाख से अधिक AI प्रोफेशनल्स की आवश्यकता होगी।
- विश्व आर्थिक मंच का अनुमान है कि 2030 तक वैश्विक स्तर पर 17 करोड़ नई AI आधारित नौकरियां सृजित होंगी, जबकि 9.2 करोड़ पारंपरिक नौकरियां खत्म हो सकती हैं।
- AI, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में स्किल्ड युवाओं की जरूरत होगी।
🌐 वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका
- OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने कहा है कि भारत, AI के लिए दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार बन चुका है।
- गूगल CEO सुंदर पिचाई और माइक्रोसॉफ्ट CEO सत्या नडेला ने भी भारत को AI नेतृत्व का केंद्र बताया है।
📉 चुनौतियाँ और सुधार की ज़रूरत
हालांकि भारत में AI को लेकर काम हो रहा है, लेकिन प्रोडक्टिविटी में अपेक्षित वृद्धि नहीं हुई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर ऐसे क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए जहां AI का अधिकतम उपयोग संभव हो।
वर्तमान में भारत में भारतजेन, ऐरावत, सूत्र, चिनलेखा जैसे AI मॉडल कार्य कर रहे हैं, लेकिन देश को जल्द से जल्द अपना जनरेटिव AI मॉडल तैयार करना होगा।
🎓 शिक्षा में बदलाव अनिवार्य
- AI क्षेत्र में दक्षता के लिए इंजीनियरिंग शिक्षा और तकनीकी पाठ्यक्रमों को नया स्वरूप देना जरूरी है।
- AI स्किल्ड मैनपावर को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार ने इस वर्ष के बजट में विशेष योजनाएं शुरू की हैं।
📌 निष्कर्ष:
AI की शक्ति भारत के भविष्य को नई दिशा दे सकती है, लेकिन इसके लिए युवाओं को आधुनिक तकनीकी कौशलों से लैस करना, स्वदेशी AI विकास को बढ़ावा देना और शिक्षण संस्थानों में व्यापक सुधार करना अनिवार्य है।