
स्थान: पलिया कलां, खीरी
रिपोर्टर: डीपी मिश्रा
स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी संपत्ति है — इसी संदेश को आगे बढ़ाते हुए 39वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), पलिया में एक विशेष स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य जवानों को मोटापा, अधिक वजन और उनसे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरूक करना था।
स्वास्थ्य शिविर का आयोजन और नेतृत्व
यह शिविर कमांडेंट रवीन्द्र कुमार राजेश्वरी के निर्देशन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पलिया की अनुभवी चिकित्सक डॉ. नेहा फातिमा (एम.बी.बी.एस.) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉ. फातिमा ने जवानों को मोटापे से होने वाली गंभीर बीमारियों — जैसे कि उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), मधुमेह (Diabetes) और हृदय रोग (Heart Disease) के जोखिम के बारे में जागरूक किया।
जवानों को दी गई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सलाह
कार्यक्रम के दौरान डॉ. नेहा फातिमा ने जवानों को बताया कि कैसे:
- संतुलित आहार लेना
- नियमित व्यायाम करना
- तनाव प्रबंधन करना
से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है, बल्कि मानसिक मजबूती भी प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने दैनिक जीवन में छोटे बदलावों को अपनाकर दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ उठाने के व्यावहारिक सुझाव भी दिए।
जवानों का उत्साह और प्रतिक्रिया
39वीं वाहिनी के सभी जवानों ने इस स्वास्थ्य शिविर में सक्रिय भागीदारी दिखाई और कार्यक्रम से मिली जानकारी को अत्यंत उपयोगी बताया। जवानों ने महसूस किया कि एक स्वस्थ शरीर ही एक मजबूत राष्ट्र की नींव है।
कमांडेंट राजेश्वरी ने भी जवानों को नियमित स्वास्थ्य जांच कराने और स्वस्थ आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों का महत्व
आज के समय में जब तनाव, अनियमित दिनचर्या और खानपान संबंधी आदतें स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही हैं, इस प्रकार के स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम जवानों के मानसिक और शारीरिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
निष्कर्ष
स्वस्थ जवान, मजबूत सीमा! इसी सोच के साथ सशस्त्र सीमा बल द्वारा स्वास्थ्य शिविर जैसे आयोजन जवानों की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। इस तरह के शिविर भविष्य में भी आयोजित होते रहेंगे, ताकि जवान फिट और फुर्तीले बने रहें।