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बरेली में धार्मिक विवाद: IMC नेता मोईन सिद्दीकी पर हिंदू महिला को धमकाने का आरोप, FIR दर्ज


उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां IMC नेता मोईन सिद्दीकी पर हिंदू महिला को जान से मारने और “सिर तन से जुदा” करने की धमकी देने का मामला सामने आया है। पीड़ित महिला की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी फरार है। यह घटना धार्मिक स्वतंत्रता, सांप्रदायिक सौहार्द और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।


क्या है पूरा मामला?

बारादरी थाना क्षेत्र के लोधी टोला, बरेली निवासी जीतू ने बताया कि उनके मोहल्ले के पास चक महमूद में एक पुराना धार्मिक कुआं है, जहां हिंदू महिलाएं पूजा करती हैं। आरोप है कि नगर निगम में कार्यरत मोईन सिद्दीकी ने इस कुएं को जबरन पाट दिया और धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाई।

जब जीतू ने नगर निगम में इस कार्रवाई के खिलाफ शिकायत की, तो मोईन सिद्दीकी ने उनकी मां माया देवी को धमकी दी। माया देवी ने पुलिस को बताया कि मोईन ने कहा:

“अपने बेटे को समझा लो, वरना उसका सिर तन से जुदा कर दूंगा… हमारी सरकार आने दो, हिंदुओं को घर-घर जाकर मारेंगे।”


पुलिस कार्रवाई: FIR दर्ज, आरोपी फरार

पीड़ित परिवार की शिकायत के बाद SSP ने जांच के आदेश दिए, जिसके बाद बारादरी थाने में IPC की गंभीर धाराओं में FIR दर्ज की गई है। थाना प्रभारी धनंजय पांडेय के अनुसार, आरोपी मोईन सिद्दीकी फरार है, लेकिन जल्द गिरफ्तारी की बात कही गई है।


स्थानीय नेताओं की सफाई

घटना में मौजूदा पार्षद अनीस और पूर्व पार्षद अंजुम फिरदौस के नाम भी सामने आए हैं, लेकिन दोनों नेताओं ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है। पार्षद अनीस ने कहा:

“मोईन सिर्फ नगर निगम का कर्मचारी है, मेरा उससे सिर्फ औपचारिक संबंध है।”


पहले भी दे चुका है धमकियां

सूत्रों के मुताबिक, यह पहला मौका नहीं है जब मोईन सिद्दीकी ने हिंदू धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए हों। इससे पहले भी वह धार्मिक उकसावे और धमकियों के मामलों में जेल जा चुका है


जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि में बढ़ी संवेदनशीलता

इसी बीच जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हालिया आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत ने देश को पहले ही झकझोर रखा है। ऐसे में बरेली में इस तरह की धमकी ने लोगों की सुरक्षा और धार्मिक आजादी को लेकर डर और असंतोष को और बढ़ा दिया है।


निष्कर्ष: धार्मिक सद्भाव की परीक्षा

यह मामला केवल एक व्यक्ति की धमकी का नहीं, बल्कि हमारे समाज की सहिष्णुता और कानून की निष्पक्षता की परीक्षा है। जरूरी है कि पुलिस सख्त कार्रवाई करे और सभी धर्मों के लोगों को समान रूप से संरक्षण और सम्मान मिले।