
बरेली के सदर तहसील में तैनात राजस्व निरीक्षक नरेंद्र पाल गंगवार को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया। जानिए क्यों अब उसकी संपत्ति की जांच जरूरी है।
बरेली में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। सदर तहसील में तैनात राजस्व निरीक्षक नरेंद्र पाल गंगवार को एंटी करप्शन टीम ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। यह रिश्वत एक किसान से जमीन की पैमाइश कराने के बदले मांगी गई थी।
पूरा मामला क्या है?
रिठौरा निवासी किसान पूरनलाल शर्मा की चार गाटा संख्या में कृषि भूमि है। उन्होंने इसकी पैमाइश के लिए आवेदन किया था। आरोप है कि राजस्व निरीक्षक नरेंद्र पाल गंगवार ने इसके बदले 50 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। सौदा 25 हजार में तय हुआ और आरोपी पहली किश्त के रूप में 10 हजार रुपये लेने पहुंचा। जैसे ही पैसे लिए, एंटी करप्शन टीम ने उसे रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
अब होनी चाहिए पूरी संपत्ति की जांच
इस मामले के बाद यह सवाल उठता है: क्या यह पहली बार था? ऐसे कई मामले छिपे हो सकते हैं। इसलिए अब नरेंद्र पाल गंगवार की संपत्ति की जांच बेहद जरूरी हो गई है।
जांच के जरूरी बिंदु:
- उसकी पैतृक संपत्ति कितनी थी?
- वर्तमान में उसके पास कितनी चल और अचल संपत्ति है?
- उसने जमीन-जायदाद, गाड़ियाँ या अन्य महंगी चीज़ें कब और कैसे खरीदीं?
- क्या उसकी आय के ज्ञात स्रोत से यह संपत्ति संभव है?
कहां से है आरोपी?
आरोपी नवाबगंज थाना क्षेत्र के मुड़िया तेली गांव का निवासी है और वर्तमान में रिठौरा क्षेत्र में राजस्व निरीक्षक के पद पर तैनात था।
एंटी करप्शन हेल्पलाइन नंबर
अगर आप भी किसी सरकारी अधिकारी की शिकायत करना चाहते हैं, तो बरेली मंडल के नागरिक 9454405475 पर संपर्क कर सकते हैं या कार्यालय जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
निष्कर्ष:
यह मामला साफ करता है कि प्रशासनिक पदों पर बैठे कुछ लोग अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। ऐसे मामलों में सिर्फ गिरफ्तारी काफी नहीं, संपत्ति की पूरी जांच होनी चाहिए ताकि भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंचा जा सके।