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फर्जी राज्यमंत्री बनकर ठगी करने वाला नटवरलाल: बरेली से पीलीभीत तक फैला जाल


एक ठग का खेल जो बन गया ‘राज्यमंत्री’

उत्तर प्रदेश में ठगी के मामले अक्सर सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन पीलीभीत के बीसलपुर का एक शख्स, जिसे लोग “नटवरलाल” कहते हैं, ने इस खेल को नए स्तर पर पहुंचा दिया। यह जालसाज खुद को योगी सरकार में श्रम कामगार राज्यमंत्री बताकर लोगों से नौकरी, शराब का ठेका और ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर लाखों रुपये ठग रहा है। हाल ही में बरेली के बहेड़ी निवासी अमित कुमार से उसने सचिवालय में नौकरी दिलाने के बहाने 3 लाख रुपये हड़प लिए। आइए, इस फर्जीवाड़े की पूरी कहानी जानते हैं।


कौन है यह नटवरलाल?

पीलीभीत जिले के बीसलपुर का यह शख्स न सिर्फ आम लोगों को ठगता है, बल्कि पुलिस-प्रशासन को भी अपने जाल में फंसाने में माहिर है। वह अपनी गाड़ी पर भाजपा का कमल का झंडा लगाकर चलता है और खुद को डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का प्रतिनिधि या श्रम राज्यमंत्री बताकर लोगों का भरोसा जीतता है। उसका आपराधिक इतिहास भी चौंकाने वाला है:

  • 15 फरवरी 2021: बरेली कोतवाली पुलिस ने उसे डिप्टी सीएम का प्रतिनिधि बनकर एसएसपी पर दबाव बनाने के आरोप में जेल भेजा।
  • 2012: किशोरी को अगवा करने और दुष्कर्म के मामले में उसका पूरा परिवार (पिता, भाई, बहन) जेल गया। यह केस अभी शाहजहांपुर कोर्ट में लंबित है।

जमानत पर छूटने के बाद उसने ठगी का धंधा शुरू किया और फर्जी पहचान के सहारे लोगों को लूटना जारी रखा।


अमित कुमार से ठगी की कहानी

बरेली के बहेड़ी क्षेत्र के उदरसिया महोलिया गांव के निवासी अमित कुमार, जो इंडियन बैंक में सहायक क्लर्क हैं, इस ठग के शिकार बने। उनकी मुलाकात नटवरलाल से एक रिश्तेदार के जरिए हुई, जिसने उसे श्रम राज्यमंत्री बताया। नटवरलाल ने अमित को विधानसभा में सहायक क्लर्क की नौकरी दिलाने का वादा किया और इसके लिए 3 लाख रुपये की मांग की।

  • पहली किश्त: 90 हजार रुपये बैंक ट्रांसफर।
  • दूसरी किश्त: 06 जुलाई 2023 को 2 लाख रुपये नकद।

पैसे लेने के बाद वह टालमटोल करने लगा। जब अमित ने पैसे वापस मांगे, तो नटवरलाल और उसके भाई ने उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की धमकी दी। अमित ने बहेड़ी थाने में शिकायत दी, लेकिन पुलिस अभी जांच के नाम पर मामले को टाल रही है।


पुलिस सुरक्षा का फर्जी खेल

नटवरलाल का दुस्साहस यहीं खत्म नहीं होता। वह सामाजिक कार्यक्रमों में बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल होता है और फर्जी पत्र लिखकर पुलिस सुरक्षा हासिल कर लेता है। कुछ उदाहरण:

  • 25 मार्च 2025: बरेली के चंद्रवती बैंकट हॉल में होली मिलन समारोह में पुलिस सुरक्षा के साथ पहुंचा।
  • 24 दिसंबर 2022: रामपुर के मिलक तहसील में एक अधिवेशन में वीआईपी की तरह शामिल हुआ।

वह अपनी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों के साथ फोटो-वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर करता है, ताकि लोग उसे असली राजनेता समझें।


पुलिस की लापरवाही

अमित ने बहेड़ी थाने में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई FIR दर्ज नहीं की। थाना प्रभारी संजय तोमर का कहना है कि मामले की जांच चल रही है और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी। लेकिन पीड़ित का आरोप है कि पुलिस जांच के नाम पर मामले को दबा रही है।


नटवरलाल से सावधान कैसे रहें?

  • पहचान की जांच करें: कोई भी नौकरी या सुविधा दिलाने का वादा करने वाले की असली पहचान जांचें।
  • पुलिस में शिकायत करें: ठगी का शक हो तो तुरंत नजदीकी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएं।
  • जागरूकता फैलाएं: ऐसे ठगों के बारे में अपने परिवार और दोस्तों को बताएं।

निष्कर्ष

यह नटवरलाल न सिर्फ आम लोगों को मूर्ख बना रहा है, बल्कि प्रशासनिक संसाधनों का भी दुरुपयोग कर रहा है। पुलिस और प्रशासन को ऐसे जालसाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भोले-भाले लोग इनके झांसे में न आएं। अगर आपके पास इस मामले से जुड़ी कोई जानकारी है, तो नीचे कमेंट करें या स्थानीय पुलिस से संपर्क करें।

क्या आपको भी ऐसे ठगों का सामना करना पड़ा है? अपनी कहानी हमारे साथ शेयर करें!