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यूपी सरकार का बड़ा फैसला – वसीयत और संपत्ति बंटवारे पर सभी जिलों में लागू होंगे एक जैसे नियम और शुल्क

यूपी सरकार ने वसीयत और संपत्ति बंटवारे के मामलों में एक समान नियम लागू करने का फैसला लिया है। अब सभी जिलों में एक जैसी प्रक्रिया और शुल्क लागू होंगे, जिससे नागरिकों को सरल और पारदर्शी सेवाएं मिलेंगी।

लखनऊ, उत्तर प्रदेश — मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में संपत्ति बंटवारे, वसीयत नामांतरण और अन्य संपत्ति से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में एक समान नियम और शुल्क लागू किए जाएंगे। इस फैसले से आम नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी और प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।


यूपी में वसीयत और संपत्ति बंटवारे के मामलों में असमानता

उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में वसीयत, संपत्ति बंटवारे और नामांतरण जैसे मामलों में शुल्क और प्रक्रिया में भारी असमानताएं थीं। उदाहरण के लिए:

  • गाजियाबाद में वसीयत के नामांतरण पर ₹5000 शुल्क लिया जाता था।
  • लखनऊ में यह प्रक्रिया निशुल्क थी।
  • मेरठ में संपत्ति बंटवारे पर 3% शुल्क लिया जाता था।
  • प्रयागराज में केवल ₹2000 शुल्क लिया जाता था।

इस भिन्नता के कारण नागरिकों को न केवल परेशानी होती थी, बल्कि अलग-अलग शुल्क का भुगतान भी करना पड़ता था, जिससे आम जनता में असंतोष बढ़ रहा था।


योगी सरकार का नया फैसला: एक समान नियम और शुल्क

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस समस्या को दूर करने के लिए एक समान नियम और शुल्क व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया है। अब प्रदेश के सभी 75 जिलों में वसीयत, संपत्ति बंटवारे और नामांतरण से जुड़े मामलों में एक जैसी प्रक्रिया और एक जैसी शुल्क दरें लागू की जाएंगी।

इस फैसले से कई फायदे होंगे:

  • पारदर्शिता में वृद्धि: सभी जगह एक जैसा नियम होने से प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
  • भ्रष्टाचार पर रोक: एक समान शुल्क और प्रक्रिया से भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी।
  • समय और पैसे की बचत: नागरिकों को अलग-अलग शहरों में भटकने और विभिन्न शुल्क देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

यूपी सरकार के नगरीय सुधार

यह फैसला उन कई सुधारों का हिस्सा है जो योगी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में नगरीय निकायों में किए हैं। इनमें प्रमुख हैं:

  • संपत्ति विवरण ऑनलाइन करना।
  • नामांतरण की सुविधा घर बैठे उपलब्ध कराना।
  • डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना।
  • स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहरों का डिजिटलीकरण।

अब इस नए कदम से सरकार का उद्देश्य है कि नागरिकों को संपत्ति से जुड़ी सभी सेवाएं आसान, तेज और पारदर्शी तरीके से मिलें।


क्या बदलने वाला है?

नए नियमों के तहत सभी नगर निगमों और नगर पंचायतों में संपत्ति बंटवारे, वसीयत और नामांतरण की प्रक्रिया को एक समान किया जाएगा। इससे न केवल कार्यों की गति तेज होगी, बल्कि नागरिकों को भ्रष्टाचार और जटिलताओं से भी छुटकारा मिलेगा।

अब नागरिकों को समय और पैसे दोनों की बचत होगी, और वे किसी भी जिले में अपने काम के लिए आसानी से जा सकेंगे, बिना यह चिंता किए कि वहां शुल्क कितना होगा या प्रक्रिया कैसी होगी।


निष्कर्ष

योगी सरकार का यह कदम उत्तर प्रदेश के नागरिकों के लिए एक बड़े बदलाव का संकेत है। इससे न केवल नागरिकों को सरल और तेज सेवाएं मिलेंगी, बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ेगी और भ्रष्टाचार में कमी आएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह फैसला राज्य के नगरीय प्रशासन को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।