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CUGL को बड़ा झटका: बिना अनुमति रोड कटिंग पर नगर निगम बरेली ने ठोका 17.79 लाख का जुर्माना


बरेली (उत्तर प्रदेश):
बरेली नगर निगम ने उत्तर प्रदेश सेंट्रल गैस लिमिटेड (CUGL) पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 17.79 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना CUGL द्वारा बिना अनुमति किए गए रोड कटिंग (सड़क की खुदाई) के कारण लगाया गया है। इस कार्रवाई से स्पष्ट संकेत मिला है कि नगर निगम अब बगैर पूर्व अनुमति के की जाने वाली किसी भी खुदाई या निर्माण कार्य को बर्दाश्त नहीं करेगा।

24 लाख की नई बनी सड़क को किया गया नुकसान

नगर निगम बरेली के अनुसार, वार्ड संख्या 18 में विष्णु मंदिर से सुभाष स्कूल होते हुए मोती बाजार तक की आरसीसी सड़क का निर्माण हाल ही में लगभग 24 लाख रुपये की लागत से कराया गया था। लेकिन निरीक्षण के दौरान पाया गया कि इस सड़क पर कई स्थानों पर खुदाई की गई है, जिससे सड़क को भारी नुकसान हुआ।

CUGL ने बिना अनुमति डाली गैस पाइपलाइन

नगर निगम के अपर आयुक्त सुनील कुमार यादव और अवर अभियंता विकास साहू द्वारा 20 अप्रैल को किए गए निरीक्षण में पता चला कि CUGL ने गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए बिना पूर्व अनुमति के रोड कटिंग की। इस वजह से न सिर्फ सड़क की गुणवत्ता प्रभावित हुई, बल्कि आम नागरिकों को भी यातायात में परेशानी का सामना करना पड़ा।

निगम ने भेजा नोटिस, जुर्माने की मांग

नगर निगम के कार्यकारी अभियंता राजीव कुमार राठी ने CUGL को नोटिस जारी करते हुए 17.79 लाख रुपये की क्षति पूर्ति की मांग की है। नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि निर्धारित समय सीमा में यह राशि जमा नहीं की गई, तो कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और विधिक कार्रवाई की जाएगी।

नगरायुक्त की मॉर्निंग वॉक से खुली पोल

नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने सुबह की सैर के दौरान जब सड़क की खुदाई देखी, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली और सख्त निर्देश जारी किए कि भविष्य में किसी भी एजेंसी को बिना अनुमति सड़क खुदाई की इजाजत नहीं दी जाएगी। यदि कोई ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।


निष्कर्ष

नगर निगम बरेली की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि शहर के विकास कार्यों में बाधा डालने या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया जाएगा। CUGL पर लगाया गया जुर्माना और संभावित एफआईआर अन्य एजेंसियों के लिए भी एक चेतावनी है कि वे नियमों का पालन करें और नगर निगम से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य समझें।