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भाजपा एमएलसी पिटाई प्रकरण में नया मोड़: विधायक अनिल त्रिपाठी का लेटर बम, एमएलसी प्रतिनिधि पर लगाए गंभीर आरोप



यूपी न्यूज: भाजपा एमएलसी पिटाई मामले में विधायक अनिल त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री को सौंपा पत्र, सूरज सिंह सोमवंशी पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। हाल ही में भाजपा एमएलसी की कथित पिटाई मामले में नया मोड़ आ गया है। मेंहदावल से विधायक अनिल त्रिपाठी ने बस्ती के DIG से मुलाकात कर इस प्रकरण में एमएलसी प्रतिनिधि सूरज सिंह सोमवंशी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

विधायक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रमुख सचिव गृह को पत्र सौंपकर आरोप लगाया है कि सूरज सिंह सोमवंशी, जो खुद को एमएलसी का प्रतिनिधि बताता है, बस्ती, संत कबीर नगर और सिद्धार्थनगर जैसे जिलों में ठेका पट्टी में कमीशन वसूली करता है।


🔴 क्या हैं विधायक के आरोप?

  • विधायक के अनुसार, सूरज सिंह सोमवंशी पीडब्ल्यूडी, नगर विकास और सिंचाई विभाग से संबंधित ठेकेदारों से सौदेबाजी करता है।
  • बिना किसी अनुमति और शुल्क जमा किए पीडब्ल्यूडी डाक बंगले में ठहरता है।
  • 22 मार्च को दिशा की बैठक में भी एमएलसी प्रतिनिधि के रूप में अनाधिकृत रूप से शामिल हुआ।
  • व्यवसायियों और ठेकेदारों को डराकर शोषण करने का आरोप।
  • विधायक ने पूछा – प्रतापगढ़ निवासी यह व्यक्ति बस्ती और अन्य जिलों में क्यों घूम रहा है?

🔍 विधायक का पत्र बना चर्चा का विषय

विधायक अनिल त्रिपाठी का यह लेटर बम अब चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने साफ कहा कि यह व्यक्ति सिर्फ नाम का प्रतिनिधि है, असल में यह भ्रष्टाचार फैलाने और ठेकेदारी में दखल देने का काम कर रहा है। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच कराने और कठोर कार्रवाई की मांग की है।


📢 अखिलेश यादव ने पहले ही उठाया था मामला

इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में दावा किया था कि “ठेके में कमीशन मांगने पर भाजपा के एक एमएलसी को ठेकेदारों ने पीट दिया।”

अब विधायक अनिल त्रिपाठी के इस पत्र के बाद यह मामला और गंभीर होता जा रहा है।


📝 निष्कर्ष

भाजपा एमएलसी पिटाई प्रकरण अब सिर्फ मारपीट नहीं, बल्कि राजनीतिक हस्तक्षेप, ठेकेदारी घोटाले और प्रतिनिधियों के दुरुपयोग का मुद्दा बन चुका है। अगर विधायक के आरोप सही हैं तो यह प्रदेश सरकार और भाजपा संगठन के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।

इस पूरे घटनाक्रम पर अब सभी की नजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया पर टिकी है।