
बरेली (उत्तर प्रदेश):
सरकारी निर्माण कार्यों के ठेके लेने वाली फर्म एसएस बिल्डर पर जीएसटी विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। रविवार को एसआईबी रेंज-बी बरेली की टीम ने राजेंद्रनगर स्थित कार्यालय पर छापेमारी की, जिसमें 35 करोड़ रुपये की कर चोरी का मामला सामने आया।
जीएसटी में फर्जीवाड़ा: सिर्फ 90 लाख टैक्स जमा, जबकि 35 करोड़ था देय
प्रारंभिक जांच में पता चला कि फर्म ने तीन वर्षों में कुल 35 करोड़ रुपये की कर देयता के सापेक्ष केवल 90 लाख रुपये टैक्स जमा किया। टीम ने ठेकेदार से मौके पर ही 1.20 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में वसूल किए और सभी जरूरी दस्तावेज जब्त कर लिए।
फर्जी ITC क्लेम और बोगस कंपनियों से खरीद दिखाकर टैक्स चोरी
जीएसटी अधिकारियों के अनुसार, टैक्स से बचने के लिए फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम किया गया। दिल्ली में पंजीकृत बोगस फर्मों के नाम पर फर्जी खरीद दिखाकर टैक्स समायोजन किया जा रहा था। सभी संदिग्ध प्रपत्र जब्त कर लिए गए हैं।
टर्नओवर और टैक्स आकलन
- सकल टर्नओवर: 8.25 करोड़ रुपये
- रिवर्स ITC: 49 लाख रुपये
- डीआरसी-3 के माध्यम से जमा टैक्स: 71 लाख रुपये
- बकाया टैक्स: आकलन जारी, वसूली बाद में होगी
1.44 करोड़ के बकाया में कारोबारी सुरेंद्र अग्रवाल गिरफ्तार
प्रेमनगर थाना पुलिस ने एक अन्य मामले में 1.44 करोड़ रुपये के जीएसटी बकाया को लेकर कारोबारी सुरेंद्र अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ कोर्ट से रिकवरी और गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। नरकुलागंज स्थित उनके घर से गिरफ्तारी के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
निष्कर्ष: कर चोरी पर जीएसटी विभाग का शिकंजा
यह कार्रवाई दर्शाती है कि जीएसटी विभाग टैक्स चोरी के मामलों में अब और सख्त रुख अपनाए हुए है। फर्जी कंपनियों के माध्यम से आईटीसी क्लेम करने और टैक्स से बचने की कोशिशें अब महंगी पड़ सकती हैं।