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बरेली में अवैध निर्माण का खेल: रामपुर बाग में प्राधिकरण-बिल्डर गठजोड़ से उठे सवाल

बरेली के रामपुर बाग इलाके में आवासीय भूमि पर अवैध व्यावसायिक निर्माण का मामला एक बार फिर भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा कर रहा है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि बरेली विकास प्राधिकरण (BDA) के अधिकारियों की मिलीभगत से बिल्डरों ने नियमों को ताक पर रखकर अग्रसेन पार्क के सामने व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बना दिया है। यह मामला क्यों चर्चा में है? आइए विस्तार से जानते हैं।


रामपुर बाग में अवैध निर्माण: पूरा मामला क्या है?

बरेली की सबसे पॉश कॉलोनी रामपुर बाग में अंकित लाल नामक बिल्डर ने आवासीय भूमि पर एक बड़ा व्यावसायिक प्रतिष्ठान बना दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह निर्माण BDA की मौन सहमति और भ्रष्टाचार के बल पर हुआ है।

कैसे हुआ नियमों का उल्लंघन?

  • आवासीय ज़ोन में अवैध कमर्शियल निर्माण – नगर नियोजन नियमों के अनुसार, ऐसा करने के लिए ज़ोन परिवर्तन, नक्शा पास और विभागीय मंजूरी जरूरी है, लेकिन बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के निर्माण कर लिया गया।
  • प्राधिकरण की मिलीभगत – BDA अधिकारियों ने आवासीय निर्माण की स्वीकृति दी, लेकिन ज़मीन पर व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गया।
  • झूठे बोर्ड लगाकर धोखाधड़ी – निर्माण स्थल पर “BDA-अनुमोदित” बोर्ड लगाकर आम जनता को गुमराह किया गया।

स्थानीय निवासियों में गुस्सा, प्रशासन चुप क्यों?

रामपुर बाग के निवासियों और सामाजिक संगठनों का आरोप है कि BDA अधिकारी जानबूझकर इस मामले को अनदेखा कर रहे हैं

प्रमुख आरोप:

नोटिस नहीं, कोई कार्रवाई नहीं – अवैध निर्माण के बावजूद BDA ने न तो नोटिस जारी किया और न ही निर्माण रोका।
भ्रष्टाचार के आरोप – स्थानीय लोगों का मानना है कि बिल्डरों ने अधिकारियों को रिश्वत देकर मंजूरी हासिल की है।
जनता के हितों की अनदेखी – आवासीय क्षेत्र में व्यावसायिक निर्माण से निवासियों को भारी परेशानी हो रही है।


रामपुर बाग पर क्या होगा असर? अवैध निर्माण के गंभीर परिणाम

इस अवैध निर्माण से पूरे इलाके को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:

1. यातायात जाम की समस्या

व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुलने से वाहनों की आवाजाही बढ़ेगी, जिससे रोड जाम और पार्किंग संकट पैदा होगा।

2. शांति और सुरक्षा पर खतरा

आवासीय इलाके में शोर-शराबा, भीड़भाड़ और अपराधिक गतिविधियों का खतरा बढ़ेगा।

3. बुनियादी सुविधाओं पर दबाव

  • बिजली और पानी की कमी – व्यावसायिक उपयोग से आवासीय जरूरतें प्रभावित होंगी।
  • सीवर सिस्टम फेल होने का खतरा – अतिरिक्त दबाव से ड्रेनेज सिस्टम चरमरा सकता है।

4. संपत्ति मूल्यों में गिरावट

अवैध व्यावसायीकरण से आवासीय इलाके की कीमतें गिरेंगी, जिससे मूल निवासियों को नुकसान होगा।


क्या हो सकता है समाधान? जनता क्या कर सकती है?

अगर आप बरेली के निवासी हैं और इस मामले में कार्रवाई चाहते हैं, तो निम्न कदम उठाए जा सकते हैं:

1. जिला प्रशासन को लिखित शिकायत

  • DM/SP को पत्र लिखकर मामले की जाँच की मांग करें।
  • सोशल मीडिया पर टैग करके मीडिया और अधिकारियों का ध्यान खींचें।

2. RTI के जरिए जानकारी मांगें

  • BDA से निर्माण की स्वीकृति और नक्शे की कॉपी मांगें।
  • ज़ोनिंग नियमों का उल्लंघन साबित करने के लिए दस्तावेज़ जुटाएँ।

3. स्थानीय नेताओं और मीडिया को शामिल करें

  • जनप्रतिनिधियों से बात करके मामले को उठवाएँ।
  • स्थानीय अखबारों और न्यूज़ चैनलों को इसकी जानकारी दें।

निष्कर्ष: क्या बदलेगा बरेली में?

यह मामला साफ़ दिखाता है कि भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही के चलते बिल्डर मनमाने ढंग से निर्माण कर रहे हैं। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो रामपुर बाग जैसे इलाकों में अराजकता फैल सकती है। जनता को एकजुट होकर इस मामले को उजागर करना होगा, तभी न्याय मिल पाएगा।