
बरेली नगर निगम में निर्माण कार्यों में अनियमितताओं का बड़ा मामला सामने आया है। जांच में यह खुलासा हुआ कि जूनियर इंजीनियर (जेई) अरुण कुमार ने स्वीकृत स्थान के बजाय दूसरी जगह पर निर्माण कार्य कराया। इस गड़बड़ी के उजागर होने के बाद नगर आयुक्त की संस्तुति पर शासन ने जेई अरुण कुमार को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही दो अन्य जूनियर इंजीनियरों की रिपोर्ट भी तैयार की गई है, जो जल्द ही कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं।
जेई अरुण कुमार पर क्या हैं आरोप?
नगर आयुक्त के अनुसार, अरुण कुमार ने कई विकास कार्यों को बिना सक्षम अधिकारी की मंजूरी के कराया। वार्ड 80 में स्वीकृत निर्माण कार्य को दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया। इसके अलावा आवास विकास और राजेंद्रनगर क्षेत्र में सड़क व नाली निर्माण में भी नियमों का उल्लंघन हुआ। एक सड़क निर्माण की तिथि को गलत दर्शाने और दो साल तक कार्य पूरा न करने जैसे गंभीर मामले भी सामने आए हैं। इन सभी अनियमितताओं के चलते नगर विकास विभाग ने अरुण कुमार को निलंबित कर दिया।
दो और जेई पर लटकी तलवार
अरुण कुमार के निलंबन के बाद निर्माण विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। छोटी विहार और रहपुरा चौधरी क्षेत्रों में भी निर्माण कार्यों में कमियां पाई गई हैं। इन परियोजनाओं से जुड़े दो अन्य जूनियर इंजीनियरों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। नगर निगम ने इनके खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर ली है और जल्द ही कार्रवाई की संभावना है। अधिकारियों का कहना है कि मानक के अनुरूप काम न कराने के कारण यह कदम उठाया जा रहा है।
ठेकेदार भी निशाने पर
इस मामले में सिर्फ इंजीनियर ही नहीं, बल्कि कुछ ठेकेदार भी नगर निगम के रडार पर हैं। निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता ने ठेकेदारों के अनुभव प्रमाण पत्रों की जांच शुरू कर दी है। कई ठेकेदारों को नोटिस जारी किए गए हैं, और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
एक मामला कोर्ट तक पहुंचा
बरेली नगर निगम में एक अन्य अभियंता का मामला भी चर्चा में है। इस अभियंता ने कार्य स्थल को बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के बदल दिया, जिसके बाद यह विवाद न्यायालय तक पहुंच गया। नगर आयुक्त ने इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी है, और आगे की कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है।
नगर निगम की सख्ती का असर
नगर आयुक्त और शासन की ओर से उठाए गए इन कदमों से निर्माण विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है। जनता के बीच यह सवाल उठ रहा है कि क्या भविष्य में ऐसे मामले दोबारा सामने आएंगे, या यह कार्रवाई विभाग में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी?
निष्कर्ष: बरेली नगर निगम में जेई अरुण कुमार के निलंबन और अन्य इंजीनियरों व ठेकेदारों पर कार्रवाई की तैयारी से साफ है कि शासन भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ सख्त रुख अपना रहा है। अगर आप इस मामले पर अपनी राय रखना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट करें।