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पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पास बाघ का आतंक: खेत में काम कर रही महिला पर हमला, गांव में दहशत का माहौल


पीलीभीत, उत्तर प्रदेश — उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में पीलीभीत टाइगर रिजर्व के समीप स्थित खिरकिया बरगदिया गांव में रविवार को एक दर्दनाक घटना घटी, जिसने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। गन्ने के खेत में काम कर रही 55 वर्षीय महिला लौंग देवी पर एक बाघ ने अचानक हमला कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि वन विभाग की लापरवाही पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।

घटना का विवरण: खेत में काम कर रही थी महिला, अकेले पाकर बाघ ने किया हमला

यह घटना उस समय हुई जब महिला अपने पति के साथ खेत में गन्ने की निराई कर रही थी। दोपहर में उनके पति रामायण खाना लाने घर चले गए थे, जबकि लौंग देवी खेत में अकेली काम करती रहीं। पास में एक ट्रैक्टर जोताई कर रहा था और कुछ दूर पर अन्य महिलाएं भी काम कर रही थीं। इसी दौरान जंगल से अचानक निकले बाघ ने महिला पर झपट्टा मारा और उसे लगभग 20 मीटर दूर तक घसीट कर ले गया।

स्थानीय लोगों की तत्परता और वन विभाग की सुस्ती

जब रामायण खेत में लौटे तो पत्नी को गायब पाकर उन्होंने शोर मचाया। अन्य ग्रामीणों की मदद से तलाश की गई और थोड़ी ही दूरी पर महिला का रक्तरंजित शव मिला। शोर-शराबा सुनकर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए, जिससे बाघ डरकर जंगल की ओर भाग गया।

घटना की सूचना तुरंत वन विभाग को दी गई, लेकिन विभाग की टीम दो घंटे देरी से मौके पर पहुंची। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया। रेंजर सहीर अहमद घटना स्थल पर तीन घंटे बाद पहुंचे और कहा कि महिला की मौत किस वन्यजीव के कारण हुई, इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी।

12 दिन में तीसरा बाघ हमला, ग्रामीणों में दहशत

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले 12 दिनों में यह तीसरी मौत है जो बाघ के हमले में हुई है। यह दर्शाता है कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आस-पास के गांव अब पूरी तरह असुरक्षित हो चुके हैं। गांव खिरकिया बरगदिया जैसे सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोग भय और दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं।

जिलाधिकारी पहुंचे गांव, फेंसिंग के आदेश

घटना की सूचना मिलने पर पीलीभीत के जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह गांव पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर सांत्वना दी और उन्हें शासन की ओर से मिलने वाले मुआवजे का आश्वासन दिया। इसके साथ ही उन्होंने जंगल की सीमा पर फेंसिंग (जालबंदी) कराने के निर्देश भी वन अधिकारियों को दिए।

क्या कहता है वन विभाग?

हरिपुर रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी सहीर अहमद का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम के बाद ही पुष्टि हो पाएगी कि हमला किस वन्यजीव ने किया। वहीं पीलीभीत टाइगर रिजर्व के उप प्रभागीय वनाधिकारी रमेश चौहान और उनकी टीम भी मौके पर पहुंची थी।


निष्कर्ष: जंगल और इंसानों के बीच बढ़ता संघर्ष

यह घटना एक बार फिर इस सच्चाई को उजागर करती है कि इंसान और वन्यजीवों के बीच संघर्ष दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जंगल की सीमा से सटे गांवों में बाघों का आना और हमला करना अब आम बात होती जा रही है। ऐसे में वन विभाग और शासन को मिलकर स्थायी समाधान की ओर कदम उठाने होंगे।

यदि समय रहते उचित सुरक्षा व्यवस्था, फेंसिंग, गश्त और ग्रामीणों को जागरूक करने की दिशा में ठोस कार्य नहीं हुआ, तो ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहेंगी और कई निर्दोष जानें जाती रहेंगी।