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उत्तर प्रदेश में एआई का नया युग: योगी सरकार देगी 10 लाख लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रशिक्षण


उत्तर प्रदेश सरकार देगी 10 लाख लोगों को एआई प्रशिक्षण | यूपी एआई योजना 2025

उत्तर प्रदेश सरकार ने 10 लाख लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डेटा विश्लेषण का प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है। जानिए योजना की पूरी जानकारी।

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और तकनीकी क्रांति का केंद्र बनाने के लिए एक बड़ी योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, राज्य सरकार ने 10 लाख लोगों को AI, मशीन लर्निंग (Machine Learning) और डेटा विश्लेषण (Data Analytics) में प्रशिक्षण देने का लक्ष्य तय किया है।

इस ऐतिहासिक पहल का उद्देश्य युवाओं को तकनीकी दक्षता देना, उन्हें रोजगार के लिए सक्षम बनाना और प्रदेश को डिजिटल इंडिया मिशन में अग्रणी राज्य बनाना है।


योजना का मुख्य उद्देश्य

  • युवाओं को रोजगार योग्य बनाना।
  • सरकारी तंत्र, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि व व्यापार में एआई का व्यापक उपयोग।
  • शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में डिजिटल कौशल का विकास।
  • प्रदेश को एआई तकनीक का हब बनाना।

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार, इस योजना से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और तकनीकी क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को नई पहचान मिलेगी।


प्रशिक्षण में भाग लेने वाले लोग

  • सरकारी कर्मचारी
  • शिक्षक और प्रोफेसर
  • डॉक्टर और नर्स
  • तकनीकी पेशेवर
  • किसान
  • छात्र और युवा

इसका मतलब है कि प्रदेश का हर वर्ग इस योजना से लाभ उठा सकेगा, जिससे समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास संभव होगा।


किन कंपनियों का सहयोग मिलेगा?

इस विशाल योजना को साकार करने के लिए कई वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर की आईटी कंपनियों को जोड़ा गया है:

  • माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft)
  • इंटेल (Intel)
  • गुवी (GUVI)
  • एचसीएल (HCL Technologies)
  • वाधवानी फाउंडेशन
  • वन मिलियन वन बिलियन (1M1B)
  • मेटा (Meta)
  • ओप्पो (Oppo)
  • आईबीएम (IBM)

ये कंपनियां प्रशिक्षुओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, और डिजिटल स्किल्स में गहन प्रशिक्षण देंगी।


योजना का कार्यान्वयन कैसे होगा?

चरण 1: प्रारंभिक तैयारी (पहले दो महीने)

  • प्रशिक्षकों की नियुक्ति।
  • पाठ्यक्रम (Curriculum) और सिलेबस का विकास।

चरण 2: प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना (तीसरे महीने से)

  • पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे।
  • शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधा पहुँचाई जाएगी।

चरण 3: प्रशिक्षण प्रारंभ

  • गुवी कंपनी 3500 से अधिक प्रशिक्षकों के माध्यम से ऑफलाइन प्रशिक्षण देगी।
  • वाधवानी फाउंडेशन वरिष्ठ शिक्षकों को ऑफलाइन, और कनिष्ठ शिक्षकों व छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से प्रशिक्षित करेगा।
  • प्रशिक्षण के लिए गुरुमित्र एलएमएस (GuruMitra LMS Platform) का उपयोग होगा।

एआई प्रशिक्षण में किन विषयों को कवर किया जाएगा?

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का परिचय
  • मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग के सिद्धांत
  • डेटा विश्लेषण और डेटा विज़ुअलाइजेशन
  • शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और प्रशासन में एआई का उपयोग
  • क्लाउड कंप्यूटिंग और एआई एप्लीकेशन्स
  • व्यवसाय में एआई का भविष्य
  • एआई आधारित स्टार्टअप की संभावनाएं

एआई प्रशिक्षण के लाभ

1. रोजगार के नए अवसर

  • प्रशिक्षित युवा विभिन्न कंपनियों में एआई विशेषज्ञ के रूप में काम कर सकेंगे।
  • स्टार्टअप्स और फ्रीलांसिंग के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

2. सरकारी सेवाओं में सुधार

  • एआई आधारित समाधान से सरकारी सेवाएं अधिक तेज़, पारदर्शी और कुशल बनेंगी।

3. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा का डिजिटलीकरण

  • स्कूलों और कॉलेजों में स्मार्ट शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
  • अस्पतालों में रोगी देखभाल में एआई आधारित तकनीकों का उपयोग बढ़ेगा।

4. कृषि में उन्नति

  • किसानों को एआई आधारित फसल पूर्वानुमान, मिट्टी विश्लेषण और बाजार मूल्य निर्धारण जैसी सेवाएं मिलेंगी।

योजना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य


निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल सिर्फ एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं है, बल्कि राज्य के भविष्य को संवारने की एक क्रांतिकारी कोशिश है।
अगर आप भी इस योजना का हिस्सा बनना चाहते हैं और अपनी तकनीकी योग्यता को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाना चाहते हैं, तो इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए तैयार रहिए।
आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश निश्चित ही भारत का एआई और डिजिटल केंद्र बनेगा।