
बदायूं, उत्तर प्रदेश – शहर में एक बड़ी ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें अमर ज्योति यूनिवर्स लिमिटेड के निदेशकों और उनके परिवार पर प्रॉपर्टी डीलर को धोखा देने का आरोप है। पीड़ित प्रदीप जैन, जो पेशे से प्रॉपर्टी डीलर हैं, ने एसएसपी बरेली को डाक के माध्यम से शिकायती पत्र भेजकर न्याय की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
मालगोदाम रोड निवासी प्रदीप कुमार जैन का कहना है कि बरेली के मोहल्ला कटरा चांद खां निवासी श्रीकांत, उनके भाई राशीकांत और सूर्यकांत उनके पास कुछ संपत्तियां बेचने के प्रस्ताव के साथ आए। उन्होंने बदायूं शहर में स्थित संपत्तियों को बिना किसी विवाद के बताकर बेचने की बात कही।
प्रदीप को भरोसा दिलाने के लिए महिला हिस्सेदारों माया देवी, रीता देवी, पदमारानी, वंदना और नीरज से फोन पर बातचीत कराई गई और एक पावर ऑफ अटॉर्नी भी दिखाई गई।
इस विश्वास के आधार पर प्रदीप ने SKMS ट्रेडिंग प्रा. लि. के नाम से मोहल्ला नहर खां सराय स्थित 83.31 वर्ग मीटर मकान के लिए 17.80 लाख रुपये देकर सौदा कर लिया।
कब्जे में आया धोखा
जब प्रदीप मकान का कब्जा लेने पहुंचे, तो पता चला कि वहां पहले से प्रेमा देवी का कब्जा है। प्रेमा देवी ने बताया कि श्रीकांत ने उन्हें पहले ही 25 सितंबर 2019 को कब्जा दे दिया था।
इसी तरह दूसरी संपत्ति — 205.4 वर्ग मीटर भूमि का सौदा 76.20 लाख रुपये में तय हुआ। यह भी विवादित निकली।
संपत्ति निकली देवस्थान की
जांच के दौरान प्रदीप को पता चला कि संपत्तियां सीताराम जी महाराज और शिवजी महाराज के नाम दर्ज हैं, जिनमें श्रीकांत का नाम केवल “एहतमाम” के तौर पर दर्ज है। यानी ये धार्मिक ट्रस्ट की संपत्ति है, जिसे श्रीकांत बेच ही नहीं सकते थे।
प्रदीप ने इस धोखाधड़ी को समझते ही चेक पेमेंट रुकवा दिया और अदालत के माध्यम से नोटिस भी भेजा, परंतु कोई जवाब नहीं मिला।
अमर ज्योति यूनिवर्स लिमिटेड पर भी गंभीर आरोप
प्रदीप ने अपनी शिकायत में यह भी उल्लेख किया कि श्रीकांत, शशिकांत और अन्य लोग “अमर ज्योति यूनिवर्स लिमिटेड” के नाम से जमाकर्ताओं से बड़ी रकम लेकर फरार हो चुके हैं।
पुलिस जांच में मामला शामिल
एसएसपी डॉ. बृजेश कुमार सिंह का कहना है कि फिलहाल इस संबंध में उनके पास कोई तहरीर औपचारिक रूप से नहीं आई है, लेकिन शिकायत पत्र को विवेचना में शामिल कर लिया गया है।
🔍 मुख्य बिंदु (Key Highlights)
- श्रीकांत और परिवार पर दो संपत्तियों की फर्जी बिक्री का आरोप
- संपत्ति धार्मिक ट्रस्ट के नाम पर, मालिकाना हक नहीं था
- पावर ऑफ अटॉर्नी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए विश्वास में लिया
- अमर ज्योति यूनिवर्स लिमिटेड पर निवेशकों को चूना लगाने का आरोप
- प्रदीप जैन ने पुलिस और कोर्ट दोनों से न्याय की गुहार लगाई
📝 निष्कर्ष
यह मामला न सिर्फ एक व्यक्ति को ठगने का है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे कुछ कंपनियां और उनके निदेशक सिस्टम की खामियों का फायदा उठाकर आम जनता को धोखा दे रहे हैं। आवश्यकता है कि ऐसे मामलों की तेज़ी से जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
📌 आपको अगर संपत्ति खरीदनी हो तो सभी कागजात की जांच ज़रूर करें, और किसी कानूनी सलाहकार से पुष्टि करें।