कल्याणपुर चक्रतीर्थ, पीलीभीत: ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार की कहानी

ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार: कल्याणपुर चक्रतीर्थ, पीलीभीत का चौंकाने वाला मामला


Akhil Kumar Srivastava

Amariya, Pilibhit News

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के जहानाबाद क्षेत्र की ग्राम पंचायत कल्याणपुर चक्रतीर्थ में भ्रष्टाचार का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां की ग्राम प्रधान वीरमति और उनके पति पर सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी करने, धन का गबन करने और ग्रामीणों का शोषण करने के गंभीर आरोप लगे हैं।

यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि पूरे प्रदेश के पंचायती व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।


क्या हैं मुख्य आरोप?

1. हेडपंप और स्ट्रीट लाइट घोटाला:
ग्राम पंचायत में हेडपंप की मरम्मत और स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर लगभग ₹1 लाख की सरकारी राशि निकालकर उसका गलत इस्तेमाल किया गया।

2. प्रधानमंत्री आवास योजना में रिश्वत:
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाभार्थियों से ₹1000 की अवैध वसूली की गई। पैसे न देने पर उनका नाम सूची से हटाने की धमकी दी जाती थी।

3. पंचायत बैठकों का अभाव:
ग्राम पंचायत में कोई भी जनसभा या बैठक आयोजित नहीं की गई, जिससे पारदर्शिता बिल्कुल नहीं रही।

4. चक्रतीर्थ मेला घोटाला:
वर्ष 2021 से 2024 तक चक्रतीर्थ मेले के ठेके और प्रावधान राशि का कोई हिसाब नहीं दिया गया। इस पर भी गबन का संदेह है।


शिकायतकर्ताओं की मांग क्या है?

तानसेन और धर्मपाल वर्मा नामक ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों को शपथ पत्र देकर जांच की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा है कि दोषियों से गबन की धनराशि की वसूली की जाए और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो।


ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है

गांव के लोगों में इस भ्रष्टाचार को लेकर भारी नाराजगी है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें आज तक किसी योजना का सीधा लाभ नहीं मिला है, और जो योजनाएं आई भी, उन्हें निजी स्वार्थ में लूट लिया गया।


निष्कर्ष

कल्याणपुर चक्रतीर्थ में सामने आया यह मामला इस बात की ओर इशारा करता है कि जब तक स्थानीय स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही नहीं होगी, तब तक सरकारी योजनाएं अपने असली लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएंगी।

सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए और दोषियों को सख्त सजा दिलाए।



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