बरेली में सनसनीखेज वारदात: किरायेदार ने दोस्तों संग मिलकर मकान मालिक पर किया जानलेवा हमला, मकान कब्जाने की साजिश का आरोप



बरेली के राजेंद्रनगर में किरायेदार और उसके साथियों ने मकान मालिक की गला दबाकर हत्या की कोशिश की। जानिए इस खौफनाक घटना की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई।


बरेली (उत्तर प्रदेश):
राजेंद्रनगर क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने स्थानीय लोगों में दहशत फैला दी है। एक किरायेदार ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर मकान मालिक पर जानलेवा हमला किया और मकान पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की। इस पूरे घटनाक्रम में चौंकाने वाली बात यह है कि मुख्य आरोपी एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला?

पीड़ित अमित कुमार ने बताया कि उनके मकान में सुनील यादव नामक व्यक्ति किराए पर रहता है। 2 मई की शाम जब अमित छत पर पहुंचे तो सुनील यादव अपने तीन साथियों—विजय, पीयूष और अनुभव—के साथ वहां मौजूद था। शोर-शराबे पर टोका तो चारों ने मिलकर पहले गाली-गलौज की और फिर अमित पर हमला बोल दिया।

हमले में अमित के सिर पर किसी भारी वस्तु से वार किया गया और गला दबाकर सीढ़ियों से फेंकने की कोशिश की गई। किसी तरह जान बचाकर वह वहां से भागे और तुरंत प्रेमनगर थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।

राजनीतिक जुड़ाव और विवादों का इतिहास

आरोपी सुनील यादव का नाम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) से जुड़ा है। वह पहले आम आदमी पार्टी में भी सक्रिय था और बरेली में लोकसभा व मेयर का चुनाव लड़ चुका है। इतना ही नहीं, उसका एक प्रसिद्ध महामंडलेश्वर से करीबी रिश्ता भी बताया जाता है। हाल ही में एक धार्मिक कथा कार्यक्रम में भी उसका नाम रसीद घोटाले और वित्तीय विवादों में आया था।

मकान कब्जाने की नीयत का आरोप

अमित कुमार का कहना है कि सुनील यादव का मकसद मकान पर जबरन कब्जा करना है। उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं और मानसिक दबाव डालकर मकान खाली करवाने की कोशिश की जा रही है।

पुलिस की कार्रवाई

प्रेमनगर थाना प्रभारी आशुतोष रघुवंशी ने बताया कि अमित की तहरीर के आधार पर सुनील यादव सहित चारों आरोपियों पर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी गई है।


निष्कर्ष

यह घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि यह सवाल भी खड़े करती है कि क्या राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल अब अपराध छुपाने या जबरन कब्जे जैसे कृत्यों के लिए किया जा रहा है? पुलिस की निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई ही पीड़ितों को न्याय दिला सकती है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *