बरेली में तेंदुए का हमला: खेत में सिंचाई कर रहे किसान की जान ली, गांव में दहशत


क्योलड़िया क्षेत्र के बिहारीपुर गांव में दर्दनाक हादसा, तेंदुए ने किसान पर किया जानलेवा हमला, इलाज के दौरान मौत

Byline: संवाददाता, बरेली | दिनांक: 19 अप्रैल 2025


बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में मानव-वन्यजीव संघर्ष की एक और दर्दनाक घटना सामने आई है। क्योलड़िया थाना क्षेत्र के बिहारीपुर अब्दुल रहमान गांव में शुक्रवार को एक तेंदुए ने खेत में गन्ने की सिंचाई कर रहे किसान अरविंद कुमार (45) पर हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल किसान को जिला अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।


कैसे हुआ हमला?

घटना शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे की है। अरविंद कुमार अपने खेत में गन्ने की सिंचाई कर रहे थे। तेज धूप से बचने के लिए वह पास के पेड़ों की छांव में गए, जहां एक तेंदुआ पहले से मौजूद था। आहट पाते ही तेंदुए ने अरविंद पर हमला कर दिया और उनके चेहरे और गर्दन पर गंभीर चोटें पहुंचाईं।

ग्रामीणों के शोर मचाने पर तेंदुआ झाड़ियों के रास्ते जंगल की ओर भाग गया। ग्रामीणों ने तत्काल घायल किसान को उठाया और परिजनों को सूचना दी। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।


तेंदुए की तलाश में वन विभाग और पुलिस की कांबिंग

सूचना मिलने पर डिप्टी रेंजर आयरन सिंह, वनरक्षक लवकुश, मान सिंह और थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। टीम ने खेतों और आसपास के जंगलों में तेंदुए की तलाश में कांबिंग की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। हालांकि, खेतों में तेंदुए के पैरों के निशान जरूर मिले हैं।


गांव में डर का माहौल, पहले भी दिख चुका है तेंदुआ

स्थानीय निवासी दीनानाथ गंगवार के अनुसार, तेंदुआ पहले भी बुधवार रात मेथी नवदिया रोड पर देखा गया था। लगातार तेंदुए की मौजूदगी से ग्रामीण भयभीत हैं और खेतों में जाने से डर रहे हैं। वन विभाग ने ग्रामीणों को अलर्ट रहने की सलाह दी है।


प्रभाव और समाधान की जरूरत

ग्रामीण इलाकों में जंगलों के सिमटते दायरे और भोजन की कमी के चलते वन्यजीव अब आबादी वाले क्षेत्रों में घुसने लगे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि तेंदुए को सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ा जाए और प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई जाए।


कैप्शन:

“बरेली के बिहारीपुर गांव में खेत में सिंचाई करते समय तेंदुए का हमला झेलने वाले किसान अरविंद कुमार की मौत के बाद ग्रामीणों में भय का माहौल।”



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