उत्तर प्रदेश भवन निर्माण के नए नियम 2025: अब नक्शा पास कराना जरूरी नहीं!


उत्तर प्रदेश सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए ‘भवन उपविधि-2025’ लागू कर दी है। अब छोटे प्लॉट पर मकान बनाने के लिए नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी। योगी सरकार के इस फैसले से न सिर्फ भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी, बल्कि आम लोगों को घर बनाने में आसानी होगी।

इस ब्लॉग में जानिए उत्तर प्रदेश भवन उपविधि-2025 के मुख्य नियम, इसके फायदे, और टाउनशिप नीति में बदलाव


1. 1000 वर्गफीट तक मकान के लिए नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं

अब 1000 स्क्वायर फीट (वर्गफुट) तक के प्लॉट पर मकान बनाने के लिए नगर निगम या विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराना जरूरी नहीं होगा। इससे छोटे घर बनाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।


2. 5000 वर्गफीट तक सिर्फ आर्किटेक्ट का सर्टिफिकेट ही काफी

अब 5000 वर्गफीट तक के प्लॉट पर मकान निर्माण के लिए केवल मान्यता प्राप्त आर्किटेक्ट का प्रमाणपत्र पर्याप्त होगा। इससे सरकारी दफ्तरों के चक्कर और देरी से छुटकारा मिलेगा।


3. घर से प्रोफेशनल कामकाज की अनुमति

अब घर में निम्नलिखित कार्य मान्य होंगे:

  • नर्सरी, क्रैच, होम स्टे सेवाएं,
  • डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट, CA का ऑफिस,

इन सेवाओं को शुरू करने के लिए नक्शे में अलग से उल्लेख की जरूरत नहीं होगी।


4. छोटे प्लॉट पर भी अब अपार्टमेंट की मंजूरी

पहले 2000 वर्गमीटर प्लॉट पर ही अपार्टमेंट बनाने की अनुमति थी। अब यह सीमा घटाकर 1000 वर्गमीटर कर दी गई है। इससे हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की संख्या बढ़ेगी और आम लोगों को फ्लैट खरीदना आसान होगा।


5. 24 मीटर चौड़ी सड़क पर दुकान और दफ्तर खोलने की छूट

अब ऐसी रिहायशी इमारतें जो 24 मीटर चौड़ी सड़क पर हैं, वहां दुकान या ऑफिस चलाना कानूनी रूप से मान्य होगा। इससे व्यवसाय और स्टार्टअप को भी बढ़ावा मिलेगा।


6. भवन ऊंचाई की सीमा समाप्त

अगर प्लॉट 45 मीटर चौड़ी सड़क से लगा है, तो अब वहां इमारत की ऊंचाई पर कोई सीमा नहीं है। इससे रियल एस्टेट डेवलपर्स को बड़ी राहत मिलेगी और शहरीकरण को बढ़ावा मिलेगा।


7. NOC के लिए 7-15 दिन की सीमा तय

अब बिजली, पानी, फायर आदि विभागों को 7 से 15 दिनों में NOC (अनापत्ति प्रमाणपत्र) देना होगा। समयसीमा में NOC न मिलने पर उसे स्वतः स्वीकृत माना जाएगा।


नई टाउनशिप नीति का असर

सरकार ने हाईटेक और इंटीग्रेटेड टाउनशिप के लिए भी नियमों में बदलाव किया है:

  • अब स्थानीय निकाय प्रॉपर्टी टैक्स, जल कर, सीवरेज कर वसूल सकेंगे।
  • बदले में नागरिकों को बेहतर सुविधाएं जैसे सड़क, सफाई, सीवर लाइन, स्ट्रीट लाइट्स मिलेंगी।
  • अगर डेवलपर सुविधाएं नहीं देता, तो प्राधिकरण उसकी जमीन बेचकर काम पूरा कराएगा।
  • जहां स्थानीय निकाय टैक्स नहीं लेंगे, वहां डेवलपर मेंटेनेंस शुल्क ले सकेंगे।

निष्कर्ष:

उत्तर प्रदेश भवन उपविधि-2025 से मकान निर्माण पहले से कहीं ज्यादा आसान, पारदर्शी और तेज़ हो गया है। सरकार के इन सुधारों से आम जनता को सीधा फायदा मिलेगा और रियल एस्टेट सेक्टर को नई दिशा।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *