समन्वय बैठक में जनता के मुद्दे अनसुलझे: सड़क, अस्पताल और बिजली की समस्याएं बरकरार

बरेली समन्वय बैठक: सड़क, अस्पताल और बिजली के मुद्दों पर कोई प्रगति नहीं


विकास भवन सभागार में सांसद छत्रपाल सिंह गंगवार की अध्यक्षता में हुई समन्वय बैठक में जनता से जुड़े कई अहम मुद्दे चर्चा में आए, लेकिन ज्यादातर अनसुलझे रह गए। धरौरा माफी और डोहरा में सड़क निर्माण से लेकर अस्पतालों की अनियमितताओं और बिजली आपूर्ति की समस्याओं तक, नगर निगम, जिला पंचायत और पीडब्लूडी जैसे विभागों में तालमेल की कमी से जनता परेशान है। आइए जानते हैं प्रमुख मुद्दों और प्रशासनिक देरी के बारे में।

सड़क निर्माण पर विवाद, विकास कार्य ठप


धरौरा माफी और डोहरा में सड़क निर्माण और जल निकासी के प्रस्तावित कार्य क्षेत्राधिकार के विवाद के कारण अटक गए। नगर निगम और जिला पंचायत, दोनों ने इन क्षेत्रों में काम करने से इनकार कर दिया। डीएम रविंद्र कुमार ने नियमानुसार कार्य करने के निर्देश दिए, लेकिन अधिकारियों ने बताया कि इन गांवों को नगर निगम क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव अभी लंबित है। इस प्रशासनिक खींचतान के चलते स्थानीय लोग कनेक्टिविटी की समस्या झेल रहे हैं।

अस्पतालों की अनियमितताओं पर ध्यान नहीं


एमएलसी महाराज सिंह ने निजी अस्पतालों द्वारा तीन दिन में ही अन्य अस्पतालों की जांच को अमान्य करने की शिकायत उठाई, जिससे मरीजों का बिल बढ़ाया जाता है। सीएमओ ने इस मामले में पत्र लिखने की बात कही, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई या केस की जानकारी सामने नहीं आई। अधिकारियों की उदासीनता से मरीजों को शोषण का सामना करना पड़ रहा है।

बिजली आपूर्ति की समस्या, प्रस्ताव लंबित


कैंट विधायक संजीव अग्रवाल ने शहरी क्षेत्रों से सटे गांवों में बिजली पोल लगाकर आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की। आरडीएसएस योजना के तहत 10 करोड़ रुपये का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है, लेकिन कार्यान्वयन की समयसीमा नहीं दी गई। डीएम ने गर्मियों में ट्रांसफार्मर अपग्रेड करने, जर्जर पोल बदलने और तारों पर लटकती पेड़ की टहनियों को हटाने के निर्देश दिए। फिर भी, ठोस कार्ययोजना के अभाव में समय पर अमल संदिग्ध है।

खराब सड़कों की जांच के आदेश


नवाबगंज विधायक डॉ. एमपी आर्य ने दलेलनगर-क्योंलड़िया और बरखन-खतोआ जिगनिया मार्गों पर सिंचाई विभाग द्वारा बनाई गई सड़कों की खराब गुणवत्ता की शिकायत की, जो एक साल में ही उखड़ गईं। डीएम ने जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन अतीत की देरी को देखते हुए स्थानीय लोग जवाबदेही पर सवाल उठा रहे हैं।

हाउस और वाटर टैक्स की समस्याएं बरकरार


जनप्रतिनिधियों ने हाउस और वाटर टैक्स से जुड़ी शिकायतें उठाईं। डीएम ने नगर निगम को कैंप लगाकर समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए, लेकिन तत्काल राहत नहीं मिली। जनता इन नागरिक समस्याओं से जूझ रही है।

पुलों की मरम्मत में प्रशासनिक अड़चन


मुड़िया भीकमपुर और पनवडियां-बरगवाँ मार्ग पर टूटे पुलों की मरम्मत का मुद्दा पिछली बैठक में उठा था, लेकिन अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई। पीडब्लूडी को जिम्मेदारी सौंपी गई है, पर समयसीमा तय नहीं की गई। विभागों में समन्वय की कमी के कारण जनता की परेशानी बढ़ रही है।

अन्य निर्देश और योजनाएं


डीएम ने फायर स्टेशनों की सूची जनप्रतिनिधियों को देने, गेहूं खरीद और हैंडपंप रिबोर की समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान और पीएम सूर्य घर योजना का प्रचार करने की अपील की, ताकि लोग इनका लाभ उठा सकें।

निष्कर्ष


समन्वय बैठक में कई मुद्दे उठे, लेकिन अधिकांश का समाधान नहीं हो सका। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों में गंभीरता की कमी साफ दिखी। समयबद्ध कार्ययोजना और जवाबदेही तय किए बिना ऐसी बैठकें महज औपचारिकता बनकर रह गई हैं। जनता की समस्याएं जस की तस हैं, और प्रशासनिक सुस्ती इसका प्रमुख कारण है।

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