
बरेली में चाइनीज मांझा एक बार फिर जानलेवा साबित हुआ। महादेव पुल पर हेड कांस्टेबल के बेटे की गर्दन मांझे से कट गई। जानिए क्यों नहीं रुक रही इसकी बिक्री।
बरेली में फिर जानलेवा साबित हुआ चाइनीज मांझा, महादेव पुल पर कांस्टेबल का बेटा गंभीर रूप से घायल
उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में चाइनीज मांझा एक बार फिर जान का दुश्मन बन गया है। ताजा मामला महादेव पुल का है, जहां कोतवाली में तैनात हेड कांस्टेबल रामनिवास यादव का बेटा अरुणेश यादव चाइनीज मांझे की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया।
हादसे की पूरी कहानी
मंगलवार सुबह रामनिवास यादव अपने 27 वर्षीय बेटे अरुणेश के साथ बाइक से कोतवाली ड्यूटी पर जा रहे थे। बाइक अरुणेश चला रहा था। जैसे ही वे महादेव पुल से गुजरे, अचानक चाइनीज मांझा उसकी नाक और गर्दन में उलझ गया। मांझे की धार इतनी तेज थी कि उसकी गर्दन से खून बहने लगा और वह बाइक से गिर पड़ा।
तुरंत राहगीरों की मदद से अरुणेश को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि गर्दन पर गहरा घाव है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
चाइनीज मांझा: एक खतरनाक कातिल
चाइनीज मांझा सामान्य मांझे से अलग होता है। इसे नायलॉन और ग्लास पाउडर से बनाया जाता है, जिससे यह बेहद धारदार और जानलेवा बन जाता है।
हालांकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा है, लेकिन इसके बावजूद बरेली जैसे शहरों में यह खुलेआम बिक रहा है।
प्रशासन की नाकामी
प्रशासन और पुलिस ने कई बार छापेमारी कर चाइनीज मांझा जब्त किया है, लेकिन बाजारों में इसकी ब्लैक मार्केटिंग अब भी जारी है। दुकानदार चोरी-छिपे इसे बेच रहे हैं और कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही।
जनता में गुस्सा, उठी सख्त कार्रवाई की मांग
इस हादसे के बाद शहरवासियों में रोष है। लोगों की मांग है कि:
- चाइनीज मांझे की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध सख्ती से लागू किया जाए।
- दुकानदारों पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हो।
- बच्चों और युवाओं को इसके खतरों के बारे में जागरूक किया जाए।
- हेल्पलाइन नंबर जारी कर आम जनता से भी निगरानी में भागीदारी ली जाए।
खुद को कैसे सुरक्षित रखें?
जब तक इस पर पूरी तरह रोक नहीं लग जाती, तब तक नागरिकों को चाहिए कि:
- बाइक या स्कूटी चलाते समय फेस शील्ड या हेलमेट जरूर पहनें।
- खासकर महादेव पुल जैसे संवेदनशील इलाकों से गुजरते समय सतर्क रहें।
- अगर कहीं चाइनीज मांझा बिकता दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
निष्कर्ष:
महादेव पुल पर हुआ यह हादसा सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का सबूत है। जब तक सख्ती से कार्रवाई नहीं होती, ऐसे हादसे रुकने वाले नहीं हैं। अब वक्त आ गया है कि जनता और प्रशासन दोनों मिलकर इस जानलेवा धागे पर लगाम लगाएं।