
उत्तर प्रदेश की मक्का बीज वितरण योजना में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया। किसानों को मिलने वाला 120 कुंतल बीज खुले बाजार में बेच दिया गया। जिम्मेदार अधिकारी सवालों से बच रहे हैं।
मक्का बीज वितरण योजना में भारी भ्रष्टाचार का खुलासा, जिम्मेदार अफसर सवालों से बचते नजर आए
बदायूं (उत्तर प्रदेश), मई 2025 – योगी सरकार की त्वरित मक्का बीज वितरण योजना का उद्देश्य किसानों को संकर प्रजाति का मक्का बीज मुफ्त में उपलब्ध कराना था, जिससे उत्पादन में वृद्धि हो और किसानों की आमदनी बढ़े। लेकिन योजना का लाभ किसानों तक पहुंचने से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
जिला कृषि अधिकारी कार्यालय से मिलने वाला 120 कुंतल मक्का बीज, जो 11 ब्लॉकों में मुफ्त वितरण के लिए भेजा गया था, उसे खुले बाजार में बेच दिया गया। इस पूरे घोटाले में रामनगर कृषि बीज गोदाम के प्रभारी यज्ञदेव शर्मा की प्रमुख भूमिका सामने आई है।
फर्जी किसानों की सूची और पोर्टल से छेड़छाड़
कृषि विभाग ने बीज वितरण दिखाने के लिए फर्जी किसानों की सूची पोर्टल पर अपलोड की, लेकिन जब मामले का भंडाफोड़ हुआ तो वे लिस्ट तुरंत हटा ली गई। इससे साफ है कि विभागीय अधिकारी सच छुपाने की कोशिश में लगे हुए थे।
बीज की बिक्री से हड़पी गई रकम
सूत्रों के अनुसार, यज्ञदेव शर्मा ने बदायूं के उझानी कस्बे में बीज बेचकर पूरी रकम खुद रख ली। वहीं, जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने ही यज्ञदेव को बीज की बिक्री और रकम इकट्ठा करने की जिम्मेदारी दी थी। यह रकम अब कथित रूप से कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच चुकी है।
कोई जवाब देने को तैयार नहीं
जब इस विषय पर बीज गोदाम प्रभारी यज्ञदेव शर्मा से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। इसी तरह, जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी ने भी सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया।
सरकारी योजना में लापरवाही या सोची-समझी साजिश?
इस घोटाले ने एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या सरकारी योजनाएं सही लोगों तक पहुंच रही हैं या फिर व्यवस्था के भीतर ही लूट की जा रही है? अगर दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो इसका असर आगामी योजनाओं पर भी पड़ सकता है।