
लेखक: अखिल कुमार श्रीवास्तव | दिनांक: 1 मई 2025 | स्थान: पीलीभीत, उत्तर प्रदेश
भारतीय किसान यूनियन भानू ने आज पीलीभीत में अपनी मासिक पंचायत के दौरान प्रशासन की अनदेखी और किसानों की समस्याओं को लेकर ज़बरदस्त रोड मार्च किया। यह प्रदर्शन डिग्री कॉलेज चौराहा से रेलवे क्रॉसिंग तक किया गया, जिसमें सैकड़ों किसान शामिल हुए। आंदोलन का मुख्य उद्देश्य 11 सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपना था।
प्रशासन की उदासीनता से नाराज किसानों का प्रदर्शन
किसान नेताओं ने बताया कि कई बार ज्ञापन देने के बावजूद ज़िला प्रशासन द्वारा कोई समाधान नहीं किया गया। इस पर नाराज होकर यूनियन ने रोड मार्च का फैसला लिया। नायब तहसीलदार के माध्यम से अंततः जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।
प्रदर्शन का नेतृत्व और मुख्य मुद्दे
इस आंदोलन की अध्यक्षता भजनलाल क्रोधी, ज़िला अध्यक्ष (भा.कि.यू. भानू) ने की, और संचालन धर्मेंद्र कुमार गुप्ता, ज़िला मीडिया प्रभारी ने किया। आंदोलन में उठाए गए प्रमुख मुद्दे:
1. मिलावटखोरी पर रोक
भजनलाल क्रोधी ने बताया कि जिले में मिलावटी खाद्य पदार्थ खुलेआम बिक रहे हैं। जिला खाद्य निरीक्षक और प्रशासन की मिलीभगत से यह गोरखधंधा फल-फूल रहा है।
2. सब्जी मंडी की दुर्दशा
वरिष्ठ किसान नेता चिंटू ठाकुर ने मंडी समिति पीलीभीत में सब्जी और फलों के नीलामी चबूतरों को व्यापारियों के कब्जे में होने की बात कही। किसानों को धूप और बारिश में माल बेचना पड़ता है।
3. बाल पुष्टाहार योजना में भ्रष्टाचार
जिला उपाध्यक्ष बाबू राम वर्मा ने जनपद में पोषण कार्यक्रम में भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
4. अवैध खनन और पर्यावरण प्रदूषण
किसान नेता जाहिद नूर सिद्दीकी और डालचंद मौर्य ने अवैध मिट्टी खनन और बीसलपुर रोड पर स्थित ‘मोदी फैक्ट्री’ से फैल रहे प्रदूषण पर चिंता जताई।
5. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में गड़बड़ी
नंदकिशोर राठौर ने कहा कि रोजगार सेवक, प्रधान और सचिव इस योजना में गड़बड़ी कर रहे हैं, जिससे गरीब ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल पा रहा।
6. राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार
संचित दीक्षित ने कहा कि खतौनी और आधार में नाम की त्रुटियों के नाम पर राजस्व कर्मचारी किसानों का शोषण कर रहे हैं।
नई नियुक्ति
पंचायत में सर्वसम्मति से निसार शाह को ज़िला अध्यक्ष (अल्पसंख्यक) पीलीभीत नियुक्त किया गया।
आंदोलन में भारी भीड़
आंदोलन में सुखलाल गंगवार, अमित गंगवार, निर्मल स्वरूप मौर्य, मुन्नी देवी, कांति देवी सहित सैकड़ों किसान और महिला कार्यकर्ता शामिल हुए।
निष्कर्ष
भारतीय किसान यूनियन भानू का यह आंदोलन किसानों की मूलभूत समस्याओं और प्रशासनिक उदासीनता के खिलाफ था। ज्ञापन सौंपने के बाद अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इन 11 सूत्रीय मांगों पर क्या कदम उठाता है। किसानों की एकजुटता और आवाज़ को अनसुना करना अब शायद संभव नहीं होगा।