
बरेली जिले में 50 से कम छात्र संख्या वाले 110 परिषदीय स्कूलों का विलय कर दिया गया है। जानें किन ब्लॉकों के स्कूल बंद हुए, शिक्षकों का विरोध और स्कूल चलो अभियान की तैयारी।
बरेली में स्कूल विलय की प्रक्रिया तेज
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए स्कूल विलय की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। जिले के 617 परिषदीय विद्यालय, जहां 50 से कम छात्र पढ़ते थे, उनमें से 110 स्कूलों को सोमवार को बंद कर दिया गया। इनमें नगर क्षेत्र के 37 में से 25 स्कूल शामिल हैं, जहां भविष्य में बाल वाटिकाएं (प्री-प्राइमरी स्कूल) खोली जा सकती हैं।
किन ब्लॉकों में कितने स्कूल बंद हुए?
बरेली जिले के विभिन्न ब्लॉकों में स्कूल विलय की स्थिति इस प्रकार है:
- आलमपुर जाफराबाद: 26 में से 5
- आंवला: 5 में से 4
- भदपुरा: 55 में से 7
- भोजीपुरा: 18 में से 3
- भुता: 34 में से 5
- फरीदपुर: 19 में से 5
- मीरगंज: 23 में से 5
- नवाबगंज: 91 में से 9
- रामनगर: 18 में से 6
- रिछा: 72 में से 13
- शेरगढ़: 39 में से 7
- बिथरी: 46 में से 5
हालांकि, फतेहगंज पश्चिमी (21), बहेड़ी (1), क्यारा (7) और मझगवां (15) ब्लॉक के चिह्नित स्कूलों में से अभी कोई बंद नहीं हुआ है।
शिक्षक संगठनों का विरोध, अधिकारियों पर दबाव बनाने के आरोप
स्कूल विलय के फैसले का शिक्षक संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि स्कूल प्रबंध समिति और ग्राम प्रधान की सहमति के बिना विलय नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन शिक्षा अधिकारी शिक्षकों पर दबाव बना रहे हैं।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नरेश गंगवार ने बताया कि मीरगंज, फरीदपुर और भोजीपुरा ब्लॉक से शिकायतें आई हैं कि खंड शिक्षा अधिकारी (बीएसए) शिक्षकों को जबरन सहमति लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
1 जुलाई से शुरू होगा “स्कूल चलो अभियान”
बरेली जिले में 1 जुलाई से परिषदीय स्कूलों में नया सत्र शुरू होगा। इसके साथ ही “स्कूल चलो अभियान” भी चलेगा, जिसमें शिक्षक गांव-गांव जाकर अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे।
स्कूल चलो अभियान की मुख्य बातें:
- 15 जुलाई तक चलेगा यह अभियान।
- शिक्षक स्थानीय प्रधानों और जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर काम करेंगे।
- पहले दिन स्कूलों में हलवा-खीर बांटकर बच्चों का स्वागत किया जाएगा।
- शासन की ओर से 2 लाख रुपये का बजट जारी किया गया है।
विलय के बाद कितने स्कूल बचेंगे?
विलय प्रक्रिया पूरी होने के बाद बरेली जिले में 2484 स्कूलों की संख्या घटकर 1868 रह जाएगी। शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि जल्द से जल्द सभी कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का विलय कर लिया जाए।
निष्कर्ष
बरेली जिले में स्कूल विलय की प्रक्रिया शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, लेकिन शिक्षकों और स्थानीय लोगों की आपत्तियों को भी ध्यान में रखना जरूरी है। साथ ही, “स्कूल चलो अभियान” के माध्यम से सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाया जाए ताकि शिक्षा का स्तर सुधर सके।