
बरेली में त्रिशूल एयरबेस के विस्तार की प्रक्रिया को मिली रफ्तार, 93.798 हेक्टेयर भूमि का होगा अधिग्रहण, भूड़ा, हाजीपुर ब्रजलाल और नगरिया कलां गांवों की जमीन पर होगा विस्तार। जानें पूरी प्रक्रिया और रणनीतिक महत्व।
बरेली का त्रिशूल एयरबेस होगा और मजबूत, 93.79 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की तैयारी पूरी रफ्तार पर
उत्तर भारत के सामरिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण बरेली स्थित त्रिशूल वायुसेना स्टेशन के विस्तार की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। 93.798 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण के लिए प्रशासन और रक्षा मंत्रालय के बीच समन्वय बन चुका है और ज़मीन चिह्नांकन की कार्रवाई जोरों पर है।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में आई तेजी
सिविल एन्क्लेव के विस्तार के बाद अब त्रिशूल एयरबेस के विस्तार के लिए भी ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रशासन ने तहसील सदर की टीम के साथ मिलकर गांव भूड़ा, हाजीपुर ब्रजलाल और नगरिया कलां की ज़मीन का सर्वे पूरा कर लिया है। प्रस्तावित भूमि को लेकर जियो रेफरेंस शेप फाइल की मांग रक्षा संपदा विभाग द्वारा की गई है ताकि सटीक स्थल की पहचान की जा सके।
पृष्ठभूमि और प्रशासनिक कार्रवाई
त्रिशूल एयरबेस की स्थापना लगभग 61 वर्ष पूर्व की गई थी और अब इसका विस्तार समय की मांग बन चुका है। इस दिशा में पिछले साल जिलाधिकारी (DM) को भूमि संबंधी प्रस्ताव भेजा गया था। इसके बाद चयनित गांवों की भूमि का सर्वेक्षण कर रक्षा संपदा विभाग को सूचना उपलब्ध कराई गई।
24 जुलाई 2024 को कमिश्नर सौम्या अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में जिलाधिकारी ने विस्तार की प्रक्रिया की जानकारी दी थी। भूमि मूल्यांकन के लिए 1 अगस्त 2017 के सर्किल रेट को आधार मानते हुए प्रस्ताव रक्षा संपदा अधिकारी को भेजा गया।
राजस्व मानचित्र पर चिह्नांकन और प्रमाणपत्र की प्रक्रिया
एसडीएम सदर को निर्देश दिए गए हैं कि प्रस्तावित खसरा संख्याओं को राजस्व मानचित्र पर चिह्नित कर प्रमाणपत्र तैयार करें। यह प्रमाण पत्र भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को कानूनी वैधता देगा और कार्यवाही में तेजी आएगी।
सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण विस्तार
त्रिशूल वायुसेना स्टेशन पहले से ही 16 गांवों की 1349.303 एकड़ भूमि पर स्थित है। इस विस्तार से एयरबेस की रणनीतिक क्षमता में वृद्धि होगी और देश की सुरक्षा व्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी। यह न केवल वायुसेना की पहुंच को और सुदृढ़ करेगा, बल्कि बरेली को एक रणनीतिक हब के रूप में स्थापित करेगा।
निष्कर्ष:
बरेली का त्रिशूल एयरबेस विस्तार की ओर एक अहम कदम बढ़ा चुका है। 93.79 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। इससे न केवल सामरिक ताकत बढ़ेगी बल्कि स्थानीय क्षेत्र में रोजगार और विकास के नए अवसर भी सामने आएंगे।