फोन पे जैसा नकली ऐप बनाकर दुकानदारों से ठगी – बरेली पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार, तीसरा फरार


कैसे फर्जी डिजिटल ट्रांजेक्शन से ठगे गए मेडिकल स्टोर और अन्य दुकानदार? पढ़िए पूरी कहानी

बरेली (उत्तर प्रदेश), 20 अप्रैल 2025 – डिजिटल पेमेंट के इस दौर में जहां QR कोड और UPI स्कैन करके भुगतान करना आम बात हो गई है, वहीं साइबर अपराधियों ने अब इसका भी तोड़ निकाल लिया है। बरेली के फतेहगंज पूर्वी क्षेत्र में दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया गया है, जो फोन पे जैसा दिखने वाला नकली ऐप बनाकर दुकानदारों से फर्जी पेमेंट दिखाकर माल ले जाते थे।

कैसे करते थे फर्जीवाड़ा?

इन आरोपियों ने एक ऐसा मोबाइल एप्लिकेशन तैयार किया था, जो हूबहू फोन पे जैसा दिखता था। वे दुकानदार से सामान खरीदते वक्त QR कोड स्कैन करते और नकली ऐप से फर्जी “पेमेंट सक्सेसफुल” स्क्रीन दिखाते थे। असल में कोई ट्रांजेक्शन नहीं होता था, लेकिन दुकानदार को लगता था कि पेमेंट हो चुका है।

“बरेली पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार, जो नकली फोन पे ऐप से दुकानदारों को दिखाते थे फर्जी पेमेंट स्क्रीन – तीसरा साथी अब भी फरार।”

फतेहगंज पूर्वी मेडिकल स्टोर पर हुआ खुलासा

17 अप्रैल को संयम प्रियदर्शी नामक दुकानदार के मेडिकल स्टोर से 1160 रुपये की दवाइयां खरीदी गईं। आरोपियों ने नकली पेमेंट ऐप से भुगतान का नाटक किया और फरार हो गए। जब खाते में पैसे नहीं पहुंचे, तब दुकानदार ने फतेहगंज पूर्वी थाने में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने ऐसे दबोचे आरोपी

पुलिस ने जांच में तेजी दिखाते हुए दोनों आरोपियों को पकड़ लिया। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वे कई दुकानों से इसी तरह की ठगी कर चुके हैं। इनसे मोबाइल, डिजिटल सबूत और नकली ऐप की जानकारी जुटाई जा रही है।

गिरफ्तारी टीम में शामिल पुलिसकर्मी:

  • फरीदपुर इंस्पेक्टर संतोष कुमार
  • एसआई भूपेंद्र सिंह
  • हेमंत कुमार
  • कांस्टेबल दीपक कुमार व रिंकपाल

तीसरा आरोपी युवराज अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है।

दुकानदारों के लिए जरूरी सावधानी

  • हर पेमेंट की पुष्टि अपने बैंक ऐप या SMS से जरूर करें।
  • सिर्फ स्क्रीनशॉट या पेमेंट सक्सेसफुल स्क्रीन पर भरोसा न करें।
  • अगर शक हो तो तुरंत स्थानीय थाने में रिपोर्ट करें।

निष्कर्ष:

डिजिटल युग में जहां तकनीक ने जीवन को आसान बनाया है, वहीं साइबर ठगों ने भी ठगी के नए तरीके खोज लिए हैं। ऐसे में सतर्क रहना, हर पेमेंट की पुष्टि करना और तकनीकी जागरूकता बनाए रखना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *