पीलीभीत में बाघ का आतंक: खेत में सिंचाई कर रहे किसान को बनाया शिकार, पांच दिन में दूसरी घटना

पीलीभीत के चतीपुर गांव में बाघ ने गन्ने के खेत में काम कर रहे किसान पर किया जानलेवा हमला। तीन घंटे बाद भी मौके पर नहीं पहुंची वन विभाग की टीम।

स्थान: पीलीभीत, उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में इंसानों पर बाघों के हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पूरनपुर तहसील के चतीपुर गांव में रविवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया जब 45 वर्षीय किसान राम प्रसाद खेत में सिंचाई करते समय बाघ का शिकार बन गए।

यह घटना हरिपुर किशनपुर नहर के पास की है, जो हरीपुर जंगल से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बाघ झाड़ियों से अचानक निकला और किसान पर हमला कर दिया। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग ट्रैक्टर लेकर पहुंचे और शोर मचाया, जिससे बाघ शव को छोड़कर भाग गया।


तीन घंटे तक नहीं पहुंची वन विभाग की टीम

स्थानीय लोगों का आरोप है कि घटना की सूचना तुरंत वन विभाग को दी गई थी, लेकिन खुटार रेंज की टीम तीन घंटे बाद भी मौके पर नहीं पहुंची। इससे नाराज ग्रामीणों ने हंगामा किया। मौके पर सुल्तानपुर पुलिस चौकी की टीम पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया।

हरीपुर रेंज के क्षेत्रीय वनाधिकारी शहीर अहमद ने बताया कि सूचना मिलने के बाद टीम भेजी गई थी, लेकिन यह क्षेत्र खुटार रेंज के अंतर्गत आता है।


पिछली घटना से सबक नहीं लिया गया?

गौरतलब है कि 14 मई को नजीरगंज गांव में भी इसी तरह की घटना हुई थी, जिसमें एक किसान की बाघ हमले में मौत हो गई थी। मात्र पांच दिन के भीतर दूसरी घटना ने ग्रामीणों में भय और आक्रोश फैला दिया है।


ग्रामीणों की मांगें:

  • बाघ को तत्काल पकड़ने की कार्रवाई की जाए
  • वन विभाग की सक्रियता बढ़ाई जाए
  • प्रभावित परिवार को मुआवजा दिया जाए
  • खेतों के आसपास सुरक्षा उपाय किए जाएं

निष्कर्ष:

लगातार हो रहे बाघ हमलों ने ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल बना दिया है। वन विभाग को चाहिए कि समय रहते ठोस कदम उठाए जाएं ताकि न केवल जान-माल की हानि रोकी जा सके, बल्कि इंसान और वन्यजीव के बीच संतुलन भी बना रहे।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *