पाकिस्तान में पानी पर संग्राम: सिंध में गृह मंत्री का घर जलाया, AK-47 लेकर पहुंचे प्रदर्शनकारी | Pakistan Water Crisis 2025


पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पानी की किल्लत और विवादित नहर परियोजना को लेकर हिंसक प्रदर्शन भड़क गया। गृह मंत्री जियाउल हसन लांजार का घर आग के हवाले, प्रदर्शनकारियों के पास AK-47। जानिए पूरी घटना।


पाकिस्तान में पानी को लेकर उग्र प्रदर्शन: सिंध में गृह मंत्री का घर फूंका

पाकिस्तान एक बार फिर गहरे संकट में है, और इस बार वजह है—पानी। सिंध प्रांत में सिंधु नदी पर विवादित नहर परियोजना के खिलाफ जनआक्रोश अब हिंसा में तब्दील हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने गृह मंत्री जियाउल हसन लांजार के घर पर हमला बोल दिया और उसे आग के हवाले कर दिया।


पानी की कमी से उपजा गुस्सा

सिंध प्रांत के लोगों का आरोप है कि इस नहर परियोजना से उनके हिस्से का पानी छीनने की कोशिश की जा रही है। यह नहर सिंधु नदी से निकाली जा रही है, जिससे सिंध में पहले से ही चल रही जल संकट की समस्या और गंभीर हो सकती है।


AK-47 लेकर पहुंचे प्रदर्शनकारी

इस विरोध प्रदर्शन ने तब खतरनाक मोड़ ले लिया जब प्रदर्शनकारी AK-47 जैसे हथियारों से लैस होकर सिंध के गृह मंत्री के घर में घुस गए। उन्होंने न केवल तोड़फोड़ की, बल्कि घर के कई हिस्सों में आग भी लगा दी। दो ट्रेलर और कई मोटरसाइकिलों को भी जला दिया गया।


पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प

स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने मोर्चा संभाला और लाठीचार्ज व हवाई फायरिंग की। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए, जिनमें एक DSP स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं।


राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और साजिश के आरोप

PPP सिंध के सूचना सचिव अजीज धामरा ने इस हमले को “आतंकवादी गतिविधि” करार दिया है। उनका कहना है कि विरोध करना एक लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन किसी नेता के घर पर हमला पूर्व नियोजित साजिश हो सकती है।


भारत-पाक सिंधु जल संधि का प्रभाव

इस पूरे मामले की पृष्ठभूमि में भारत द्वारा सिंधु जल समझौते की समीक्षा भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है। पाकिस्तान में आशंका है कि यदि भारत ने पानी की आपूर्ति को सीमित कर दिया, तो सिंध और बलूचिस्तान जैसे इलाकों में हालात और बिगड़ सकते हैं।


निष्कर्ष: क्या पाकिस्तान में पानी बन चुका है अगला युद्ध का कारण?

यह घटना केवल एक स्थानीय विरोध नहीं, बल्कि यह संकेत है कि पाकिस्तान में जल संसाधनों का असमान वितरण अब जनता को हिंसक विरोध की ओर धकेल रहा है। यदि जल्द ही समाधान नहीं निकाला गया, तो आने वाले समय में जल युद्ध जैसी स्थिति बन सकती है।



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