
महाराजगंज, उत्तर प्रदेश – नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में प्रशासन ने सोमवार को एक अहम कार्रवाई को अंजाम दिया। निचलौल तहसील के रामनगर गांव स्थित एक मदरसे को तालाब की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने के आरोप में बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। यह कदम वक्फ कानून के तहत सरकारी ज़मीन पर बने धार्मिक स्थलों के खिलाफ चल रही मुहिम का हिस्सा है।
क्या है मामला?
ग्राम पंचायत रामनगर के दीवान टोला में वर्षों से मदरसा इस्लामिया अरबिया चिश्तिया फैजुर्रशुल तालाब की भूमि पर संचालित हो रहा था। राजस्व विभाग ने कई बार चेतावनी दी, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया गया। अंततः प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए 29 अप्रैल 2025 को इस अवैध निर्माण को जमींदोज कर दिया।
पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में चला बुलडोजर
कार्रवाई के दौरान एसडीएम निचलौल शैलेंद्र कुमार, सीओ अनुज सिंह, राजस्व विभाग के अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद रहे। पहले पैमाइश और सीमांकन कर यह पुष्टि की गई कि मदरसा सरकारी तालाब की ज़मीन पर बना है। इसके बाद बुलडोजर की मदद से निर्माण को गिरा दिया गया।
19 धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई की तैयारी
प्रशासन के अनुसार, नेपाल सीमा से सटे क्षेत्र में 19 ऐसे धार्मिक स्थल चिन्हित किए गए हैं जो सरकारी भूमि पर बने हैं। इनमें मस्जिद, मदरसे और ईदगाह शामिल हैं। अधिकतर निर्माण 20 से 40 वर्ष पूर्व किए गए हैं। 26 अप्रैल को भी निचलौल के गेड़हवा क्षेत्र में नदी की ज़मीन पर बने एक मजार को हटाया गया था।
वक्फ कानून और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण
उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड से संबंधित संपत्तियों को लेकर सरकार द्वारा सख्त रुख अपनाया गया है। यदि कोई धार्मिक संस्था सरकारी भूमि पर बिना अनुमति के निर्माण करती है, तो उस पर अब कानूनी कार्रवाई की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई धर्म के विरुद्ध नहीं, बल्कि अवैध अतिक्रमण के खिलाफ है।
प्रशासन का संदेश स्पष्ट: अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं
इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकारी भूमि पर कोई भी अवैध निर्माण, चाहे वह धार्मिक ही क्यों न हो, अब नहीं चल सकेगा। प्रशासन का सख्त रवैया इस दिशा में बड़ा संकेत है।
निष्कर्ष
महराजगंज जिले में चल रही यह कार्रवाई सिर्फ एक मदरसे या मजार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक अभियान का हिस्सा है। आने वाले दिनों में अन्य चिन्हित स्थलों पर भी बुलडोजर चल सकता है। यह घटना साफ दर्शाती है कि अब सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जे को लेकर कोई ढील नहीं दी जाएगी।