जु-जित्सू एशियन चैंपियनशिप 2025 में भारत की ऐतिहासिक जीत: नव्या पांडे ने दिलाया स्वर्ण पदक


🥇जु-जित्सू एशियन चैंपियनशिप 2025 में भारत की ऐतिहासिक जीत: नव्या पांडे ने दिलाया स्वर्ण पदक

📍 जॉर्डन के अम्मान में बजा भारत का डंका, कुल 17 पदकों के साथ किया एशिया में धमाका

भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर अपना लोहा मनवाया है। जॉर्डन की राजधानी अम्मान में आयोजित 9वीं जु-जित्सू एशियन चैंपियनशिप 2025 में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 2 स्वर्ण, 5 रजत और 10 कांस्य पदकों सहित कुल 17 पदक अपने नाम किए।

इस चैंपियनशिप में भारत की झोली में स्वर्ण पदक डालने वाली सबसे बड़ी स्टार रहीं उत्तराखंड की नव्या पांडे, जिन्होंने 45 किलोग्राम महिला वर्ग में न सिर्फ स्वर्ण पदक जीता बल्कि एक रजत पदक भी हासिल किया।


🏆 नव्या पांडे: भारत की गोल्डन गर्ल

हल्द्वानी निवासी नव्या पांडे ने जु-जित्सू की दुनिया में इतिहास रचते हुए भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता।

उनकी जीत का सफर:

  • सेमीफाइनल में कजाकिस्तान की शुक्रूवा रोजा को 25-16 से हराया।
  • फाइनल मुकाबले में सागदिलदा ऐजी को 15-05 से मात दी।

👉 नव्या पांडे जु-जित्सू एशियन चैंपियनशिप में भारत के लिए स्वर्ण जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनी हैं।


🥋 उत्तराखंड के अन्य विजेता खिलाड़ी

खिलाड़ी का नामइवेंटपदक
नव्या पांडे45 किग्रा महिला फाइटिंग और कॉन्टैक्टस्वर्ण + रजत
वैभव सिंह पडियार62 किग्रा फाइटिंगकांस्य
शुभम कुमार94+ किग्रा नेवाजारजत
क्षितिज सिंहअंडर-21 जु-जित्सू शो मिक्सडकांस्य

🇮🇳 भारत की कुल पदक तालिका

  • 🥇 स्वर्ण पदक – 2
  • 🥈 रजत पदक – 5
  • 🥉 कांस्य पदक – 10
  • 📊 कुल पदक – 17
  • 🌍 टीम रैंकिंग – 9वां स्थान (एशिया में)

🗣️ सीएम पुष्कर सिंह धामी की प्रतिक्रिया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नव्या पांडे को फोन पर बधाई दी और कहा,

“नव्या की जीत ने पूरे उत्तराखंड और भारत का नाम रोशन किया है। यह प्रदेश की बेटियों के लिए प्रेरणादायक उपलब्धि है। मैं उनसे जल्द मिलूंगा।”


📢 जु-जित्सू क्या है? (Jujitsu Kya Hai?)

जु-जित्सू एक जापानी मार्शल आर्ट है, जिसमें आत्मरक्षा के लिए लॉकिंग, थ्रो और ग्रैपलिंग तकनीकों का प्रयोग होता है। यह खेल धीरे-धीरे भारत में लोकप्रिय हो रहा है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन लगातार बेहतर हो रहा है।


🏅 भारत की खेल प्रतिभा को सलाम!

भारत की युवा पीढ़ी ने एक बार फिर यह साबित किया है कि यदि जुनून और मेहनत हो, तो कोई भी अंतरराष्ट्रीय मंच फतेह किया जा सकता है। नव्या पांडे और उनकी टीम की यह उपलब्धि न केवल खेल जगत के लिए बल्कि हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है।



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